निगेटिव, पाजिटिव में उलझ रही रिपोर्ट, कोरोना जांच की लाइन में संक्रमण का खतरा
700 की आरटीपीसीआर से कोरोना की जांच 1500 से 2000 एंटीजन टेस्ट डीएम ने किया निरीक्षणनिजी अस्पतालों में निश्शुल्क एंटीजन टेस्ट की सुविधा पैकेज में वसूला जा रहा चार्ज
केस वन
45 साल के कोरोना संदिग्ध ने 28 सितंबर को सैंपल दिए, 29 सितंबर को उनकी रिपोर्ट पाजिटिव बताई गई। उन्होंने आनलाइन अपनी रिपोर्ट चेक की तो रिपोर्ट निगेटिव थी। वे करीब पांच घंटे तक परेशान रहे, इसके बाद आनलाइन रिपोर्ट को संशोधित कर निगेटिव की जगह पाजिटिव दर्ज किया गया।
केस टू
42 साल के मरीज ने 21 सितंबर को कोरोना की जांच के लिए सैंपल दिए, उन्होंने आनलाइन रिपोर्ट चेक की तो रिकॉर्ड नहीं मिला। वे 28 सितंबर को सीएमओ कार्यालय पहुंचे, उनकी रिपोर्ट निगेटिव बताई गई, स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मोबाइल नंबर गलत दर्ज करने से आनलाइन रिपोर्ट नहीं आ रही थी। जागरण संवाददाता, आगरा: कोरोना की जांच के लिए लग रही लाइन में संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। लाइन में कोरोना संदिग्ध एक दूसरे से चिपक कर खड़े हो रहे हैं। वहीं, कोरोना की रिपोर्ट भी उलझ रही है। निगेटिव रिपोर्ट को पाजिटिव दर्शाए जाने से लोग परेशान हो रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मोबाइल नंबर गलत दर्ज करने से आनलाइन रिपोर्ट दर्शाई नहीं जा रही है।
हर रोज 2000 से 2800 तक कोरोना की जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। इसमें से 700 से 800 कोरोना के सैंपल की जांच आरटीपीसीआर से की जा रही है। वहीं, 1500 से 2000 तक एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं। कोरोना की जांच के लिए रोजगार कार्यालय के साथ ही शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना संदिग्ध लोगों की लाइन लग रही है। ये एक दूसरे के बगल में लाइन में एक से दो घंटे तक खड़े रहते हैं, इससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। वहीं, कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा फोन पर जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही आनलाइन भी कोरोना की रिपोर्ट चेक कर सकते हैं। मोबाइल नंबर गलत दर्ज होने और पाजिटिव रिपोर्ट को निगेटिव दर्ज करने से लोग परेशान हो रहे हैं।
उधर, निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से कोरोना की निश्शुल्क एंटीजन जांच कराई जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आइएमए के माध्यम से 15 निजी अस्पतालों को एंटीजन टेस्ट के लिए निश्शुल्क किट दी गई हैं। कुछ अस्पताल कोरोना की निश्शुल्क जांच के बाद भी पैकेज में चार्ज लगा रहे हैं।
सीएमओ डा. आरसी पांडे ने बताया कि मरीज के नाम एक जैसे होने और मोबाइल नंबर गलत दर्ज होने से इस तरह की समस्या हो सकती है। इसे दूर किया जाएगा, जिससे कोरोना की जांच कराने वालों को कोई परेशानी ना हो। जांच की लाइन देख डीएम सख्त
डीएम प्रभु एन सिंह ने बुधवार को कोरोना की जांच के लिए रोजगार कार्यालय में बनाए गए केंद्र का निरीक्षण किया। यहां लाइन में एक दूसरे के बगल में कोरोना संदिग्ध लोग खडे़ थे। इसे देख डीएम ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लाइन में शारीरिक दूरी का पालन कराने के निर्देश दिए। इसके बाद शहरी स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। जीवनीमंडी स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना की जांच के लिए लोग खडे़ हुए थे, यहां जगह कम होने से परेशानी हो रही थी। केंद्र को मुफीद ए आम इंटर कॉलेज में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। कोविड हास्पिटल के लिए चल रही तैयारी की ली जानकारी
डीएम प्रभु एन सिंह ने जिला अस्पताल में बनाए जा रहे 60 बेड के कोविड हास्पिटल के लिए चल रही तैयारी की जानकारी ली। ओपीडी के पर्चे के लिए मरीजों की लाइन, जांच, दवा और इलाज में आ रही समस्याओं पर चर्चा की। कोरोना की जांच रोजगार कार्यालय, एसएन मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, ग्रामीण सीएचसी
निजी अस्पताल
शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना की जांच
बल्केश्वर
नगला पदी
जीवनी मंडी
मंटोला
शाहगंज द्वितीय
लोहामंडी द्वितीय
नाई की सराय