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संस्कृति विभाग के जिम्मे होगा अटलविहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पैत़ृक गांव बटेश्वर का जिम्मा प्रदेश का संस्कृति विभाग संभालेगा। जिला प्रशासन ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 07:14 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 01:13 PM (IST)
संस्कृति विभाग के जिम्मे होगा अटलविहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर
संस्कृति विभाग के जिम्मे होगा अटलविहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर

आगरा (जेएनएन)। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पैत़ृक गांव बटेश्वर का जिम्मा प्रदेश का संस्कृति विभाग संभालेगा। जिला प्रशासन ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। गांव में पूर्व पीएम की स्मृति में स्मारक बनाए जाने के साथ ही अन्य विकास कार्य होने हैं। डीएम एनजी रवि कुमार ने बीते दिनों पर्यटन, वन, लोनिवि, विकास विभाग आदि के अधिकारियों के साथ बैठक कर बटेश्वर को संस्कृति विभाग को सौंपने का निर्णय लिया था। माना जा रहा है कि संस्कृति विभाग गांव को पर्यटन गांव के रूप में विकसित करेगा। 

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होंगे कौन-कौन से काम

  • अटल बिहारी वाजपेयी की हवेली स्मारक में तब्दील की जाएगी। यहां उनसे जुड़ी स्मृतियां रखी जाएंगी। 
  • बटेश्वर यमुना के किनारे स्थित है। घाटों का भी सुंदरीकरण कराया जाएगा। 
  • अटल की स्मृति में एक प्रतिमा भी लगवाई जा रही है। साथ ही पार्क भी विकसित किया जा रहा है। 
  • गांव को फोरलेन के जरिए प्रस्तावित बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाना है। 
  • गांव में सड़कों का निर्माण, एलईडी लगाई जानी है। पेयजल व्यवस्था का भी विस्तार होना है। 
  • जंगलात कोठी की भी मरम्मत होगी,ताकि वह पर्यटकों के आकर्षक का केंद्र बन सके। 

10 करोड़ से होंगे विकास कार्य 

बटेश्वर में फिलहाल 10 करोड़ रुपये से विकास कार्य कराए जाने हैं। इसमें से साढ़े तीन करोड़ रुपये में घाटों का सुंदरीकरण आदि का काम कराने की डीपीआर बनाकर शासन को स्वीकृति के लिए भेज दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सात सितंबर को अटल की अस्थियों को विसर्जित करने के लिए बटेश्वर आए थे। तब उन्होंने 25 दिसंबर को जयंती से पहले गांव में विकास कार्य कराने की घोषणा की थी। संभावना है कि वह खुद विकास कार्यों की नींव रखेंगे। जिलाधिकारी आगरा एनजी रवि कुमार ने बताया कि सभी विभागों की बैठक कर प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। संस्कृति विभाग को सौंपने के बारे में अंतिम निर्णय शासन द्वारा ही लिया जाना है। 


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