Agra Lockdown Update Part 2: कर्मचारी राज्य बीमा निगम निधि से श्रमिकों को हो भुगतान
आयकर विभाग ने लॉक डाउन से पड़े प्रभाव का हवाला देकर मांगे थे सुझाव। चैंबर ने कारोबारियों को राहत दिलाने को खर्चों में भारित कटौती की अनुमति देने की मांग की।
आगरा, जागरण संवाददाता। नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स ने आयकर आयुक्त को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को सुझाव भेजे हैैं। प्रधान आयकर आयुक्त जयंत मिश्रा ने चैंबर को प्रपत्र भेजकर अर्थव्यवस्था पर लॉक डाउन का प्रतिकूल प्रभाव पडऩे का हवाला देते हुए तीन मुद्दों पर सुझाव मांगे थे।
चैंबर ने प्रतिवेदन के माध्यम से जो सुझाव दिए हैं, उनमें क्षेत्रों, व्यापारियों या उद्योगों द्वारा स्थानीय स्तर पर आ रही समस्याओं, लॉक डाउन से प्रभावित हुए होटल व पर्यटन उद्योग, निर्यात व्यवसाय-जूते व अन्य और ढलाई, डीजल इंजन व अन्य व्यापार को शामिल किया है। काम ठप होने पर भी वेतन, बिजली, किराया, सुरक्षा व अन्य खर्चों का भुगतान कारोबारियों को करना पड़ रहा है। चैंबर अध्यक्ष राजीव अग्रवाल और आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने बताया कि आॢथक संकट से जूझ रहे उद्योग के लिए उन्होंने कर्मचारी राज्य बीमा निगम निधि से श्रमिकों को जीवन निर्वहन हेतु भुगतान करने का सुझाव दिया है। लॉक डाउन से संबंधित खर्चों वेतन/मजदूरी, बिजली और बिजली शुल्क, किराया, वाॢषक रखरखाव अनुबंध, सुरक्षा और ब्याज में भारित कटौती की अनुमति दी जाए।
होटल एवं पर्यटन उद्योग
होटल एवं रेस्टोरेंट कारोबार करीब 3000 करोड़, हस्तकला व्यवसाय करीब 1500 करोड़ रुपये और टैक्सी व गाइड का व्यवास करीब 500 करोड़ रुपये का है। होटल, रेस्टोरेंट, हस्तशिल्प पर करीब चार लाख लोग आश्रित हैं। व्यवसायियों को नियमित खर्चे मजदूरी, वेतन, बिजली आदि उठाने पड़ रहे हैं और आमदनी शून्य है। गाइड और टैक्सी ड्राइवर खाली बैठे हैं। उद्योग को उबरने में कई माह लगेंगे।
जूता निर्यात
आगरा देश के जूता निर्यात में 28 फीसद भागीदारी रखता है और करीब पांच हजार करोड़ रुपये का निर्यात यहां से होता है। लॉक डाउन में उत्पादन पूरी तरह बंद है। ऑर्डर कैंसिल हो चुके हैं और नए ऑर्डर मिलना मुश्किल है।
डीजल इंजन व ढलाई कारखाने
डीजल इंजन व आयरन फाउंड्रीज में निर्मित वस्तुओं का करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार है, जो इन दिनों बंद है। कच्चा माल और बना माल बेकार पड़ा है।
अन्य कारोबार
गोल्ड, सिल्वर ज्वैलरी, बुलियन व इमिटेशन ज्वैलरी का करीब आठ हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर है। औषधि, खाद्यान्न, किराना, मसाले, कपड़ा व पेठा का करीब चार हजार करोड़ रुपये का कारोबार है।