बेसहारा बच्चों की मदद के लिए स्पेशल कैम्पेन शुरू कर रहीं नम्रता त्रिपाठी और कर्मन फाउंडेशन
चाइल्ड केयर की मिलेगी ट्रेनिंग आगरा के युवा बनेंगे वॉलेंटियर। नम्रता ने बताया कि हम लोकल स्तर पर समाज सेवकों को इसके लिए ट्रेनिंग भी देंगे। इस अभियान में चाइल्ड लाइन 1090 से भी मदद ली जाएगी। बच्चों की लाइफ स्टाइल को बेहतर बनाने की कोशिश रहेगी।
आगरा, जागरण संवाददाता। समाजसेवी संस्था कर्मन फाउंडेशन अब प्रदेश के बेसहारा बेघर बच्चों की मदद के लिए एक खास अभियान शुरू कर रहा है। संस्थान अपने इस अभियान में उन बच्चों की भी मदद करेगी, जिन्होंने कोविड संक्रमण काल में अपने माता-पिता को खो दिया। संस्था इसके लिए उत्तरप्रदेश समेत देशभर में अपने वॉलेंटियर्स तैयार कर रही है। जल्द ही इस अभियान की तारीखों का एलान किया जाएगा। संस्था की फाउंडर नम्रता त्रिपाठी ने आगरा के कुछ समाज सेवकों से इसे लेकर बातचीत के बाद ये जानकारी दी।
नम्रता ने बताया कि हम लोकल स्तर पर समाज सेवकों को इसके लिए ट्रेनिंग भी देंगे। बच्चों से मिलने, बात करने का तरीका, उनको मनोवैज्ञानिक ढंग से समझने और उनकी परेशानियों को जानने के लिए हमारे काउंसलर्स ट्रेनिंग देंगे। हम जरूरत पड़ने पर इस अभियान में चाइल्ड लाइन 1090 से भी मदद लेंगे। ये अभियान किसी खास दिन या सप्ताह में नहीं बल्कि हर दिन चलाया जाएगा। वॉलेंटियर्स इसके लिए लगातार बच्चों के संपर्क में रहेंगे। हम किसी प्रलय या आपदा का इंतजार नहीं करेंगे। बच्चों की लाइफ स्टाइल को बेहतर बनाने की ये कोशिश जारी रहेगी।
उनका मानना है कि समाज में कोई भी बच्चा और कोई व्यक्ति प्यार और दया से वंचित नहीं रहना चाहिए और इसलिए उन्होंने कर्मन फ़ाउंडेशन की शुरुआत की। लोगों की मदद के लिए इतने बड़े संगठन को बनाना सच में अपने आप में ही एक बहुत बड़ा काम है। इस काम को करने के लिए सच में एक साफ़ और सच्चे मन की ज़रूरत है। ये काम किसी से ज़ोर ज़बरदस्ती के साथ नहीं कराया जा सकता। हमें अपने फ़ाउंडेशन के लिए ऐसे ही लोगों की ज़रूरत है, जो इस काम को दिल से और लगन से करें ।
तीन चरणों में शुरू होगा कैम्पेन
यह काम तीन चरणों में होगा। संस्था ने इसे लेकर पहला चरण शुरू कर दिया है। फाउंडेशन की टीम ज़रूरत मंद बच्चों को ढूंढ रही है। देशभर में इसकी शुरूआत की जा चुकी है। सरकरों से भी ऐसे बेसहारा बच्चों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके बाद टीम बच्चों की ज़रूरत के हिसाब से उनके लिए संसाधन जुटाएगी। इसके बाद देश भर में मौजूद संस्था के वॉलेंटियर्स सुविधाओं को बच्चों तक पहुंचाएगी।