आगरा में किसानों पर आफत बनकर टूटी बेमौसम बरसात, सरसों की फसल को पहुंचा नुकसान, गेहूं और आलू पर भी पड़ा असर
Agra News खेरागढ़ तहसील के 12 और बाह के छह गांव चिह्नित गेहूं और आलू को भी नुकसान अंतिम चरण में सर्वे। 33 प्रतिशत या इससे अधिक नुकसान होने पर ही किसानों को मुआवजा मिलने का प्रावधान है।
आगरा, जागरण संवाददाता। बेमौसम बारिश से सर्वाधिक नुकसान सरसों की फसल को हुआ है। खेरागढ़ के 12 गांवों में सरसों की 60 प्रतिशत और बाह के छह गांवों में 58 प्रतिशत फसल को नुकसान हुआ है। गेहूं और आलू को भी 25 से 30 प्रतिशत तक क्षति हुई है। प्रशासन का सर्वे अंतिम चरण में है।
प्रशासन कर रहा सर्वे
एक माह से बेमौसम बारिश रुक-रुक कर हो रही है। तीन सप्ताह पूर्व हुई वर्षा का सर्वे अंतिम चरण में है। तीन दिन में 28 मिलीमीटर और दो सप्ताह पूर्व दो दिन में 12 मिलीमीटर वर्षा हुई। एडीएम वित्त एवं राजस्व यशवर्धन श्रीवास्तव ने बताया कि खेरागढ़ तहसील के गांव नौनी, दहगवां, डांडा, घुसियाना, कुल्हाड़ा, शाहपुर जगनेर, सरैंधी, चंदसौरा, उदैना, बाह तहसील में रेहा, मनसुखपुरा, टीकतपुरा, मेदीपुरा, पलोखरा में सरसों की फसल को सर्वाधिक नुकसान हुआ है।
आलू और गेहूं को भी हुआ नुकसान
तहसील सदर और एत्मादपुर में पांच से 10 प्रतिशत तक गेहूं, सरसों व आलू को नुकसान हुआ है। सर्वे का कार्य अंतिम चरण में है। यह है नियम: जिला प्रशासन के नियम के अनुसार अगर किसी फसल को 33 प्रतिशत या फिर इससे अधिक नुकसान पहुंचा है, तभी शासन द्वारा मुआवजा मिल सकता है।
बारिश और बयार ने सुधार दी ताजनगरी की आबोहवा
जो कार्य नगर निगम, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासन नहीं कर सका है। वह कार्य पश्चिमी विक्षोभ ने कर दिया। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष शहर की आबोहवा में तेजी से सुधार आया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 100 से नीचे रहा है। अति सूक्ष्म कणों और सूक्ष्म कणों की संख्या में 40 से 50 प्रतिशत की कमी आई है। संजय प्लेस को छोड़कर अन्य किसी भी आटोमेटिक मानीटरिंग सेंटर में एक्यूआइ 200 से अधिक नहीं गया है।
छह आटोमेटिक मानीटरिंग सेंटर
शहर में छह आटोमेटिक मानीटरिंग सेंटर है। इस सेंटर संजय प्लेस, मनोहरपुर, आवास विकास कालोनी सेक्टर तीन बी, शास्त्रीपुरम, रोहता और शाहजहां गार्डन में लगे हुए हैं। वर्ष 2021 में एक जनवरी से बीस मार्च तक के आंकड़ों की बात की जाए तो शहर का एक्यूआइ 180 से 250 के मध्य रहा है जबकि इस अवधि में संजय प्लेस, आवास विकास कालोनी, रोहता और शाहजहां गार्डन का एक्यूआइ 170 से 230 के आसपास रहा है। वर्ष 2022 में इसी अवधि में शहर का एक्यूआइ 150 से 240 तक रहा है। संजय प्लेस के पास मेट्रो स्टेशन की खोदाई चल रही है।
खोदाई का चल रहा है काम
इसके अलावा जल निगम द्वारा सिकंदरा, आवास विकास कालोनी, शाहगंज, बोदला, ताजगंज सहित अन्य क्षेत्रों में सीवर व पानी की लाइनों को बिछाने के लिए खोदाई की जा रही है। इसके चलते संबंधित क्षेत्रों में एक्यूआइ 165 से 200 तक रहा है। अगर इस वर्ष की बात की जाए तो शहर का एक्यूआइ 100 से नीचे रहा है। संजय प्लेस में तीन से पांच बार एक्यूआइ 200 के आसपास रहा है जबकि अन्य पांच सेंटरों में यह 100 से 130 के मध्य रहा है।
बारिश ने नहीं बढ़ने दिया प्रदूषण
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रभारी क्षेत्रीय अधिकारी डा. विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते नियमित अंतराल में बारिश होती रही है। इससे वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी नहीं हो सकी जबकि नियमित अंतराल में दस से 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलती रही है। इससे अति सूक्ष्म कणों की मात्रा तेजी से नहीं बढ़ सकी। मौसम विज्ञानी डा. दानिश ने बताया कि ईरान, अफगानिस्तान, राजस्थान, मध्य प्रदेश में सबसे अधिक कम वायु दाब क्षेत्र विकसित हुए। इससे पश्चिमी विक्षोभ के चलते ही मौसम के मिजाज में बदलाव आया। बेमौसम वर्षा हुई।