Murder Mystery: छात्र की हत्या की गुत्थी सात माह बाद भी अनसुलझी Agra News
बासौनी में 16 जून 2018 को लापता हुआ था आठ वर्षीय छात्र। तालाब किनारे छह टुकड़ों में मिली लाश धड़ की पुलिस को अभी भी तलाश।
आगरा, जागरण संवाददाता। बासौनी के गांव बड़ौस में छह टुकड़ों में मिली छात्र की लाश की गुत्थी सात महीने बाद अनसुलझी है। पांचवी में पढऩे वाले आठ वर्षीय बालक को अगवा करने के बाद नृशंस तरीके से मारने के बाद लाश को टुकड़ों में तालाब किनारे फेंक दिया गया। चौबीस घंटे बाद शव मिला था। आठ दिन बाद तालाब किनारे से मिली एक खोपड़ी के छात्र की होने का पुलिस ने दावा किया। पुलिस छात्र का धड़ सात महीने बाद भी बरामद नहीं कर सकी।
फ्लैश बैक
बासौनी के गांव बड़ौस निवासी आठ वर्षीय किशन पुत्र हरिओम पांचवीं का छात्र था। किशन गांव में अपने बाबा होरी लाल के पास रहकर पढ़ रहा था। पिता हरिओम दिल्ली में नौकरी करने के चलते पत्नी और छोटी बेटी को अपने साथ रखते थे। किशन 16 दिसंबर 2018 को दोपहर दो बजे घर से निकलने के बाद लापता हो गया। परिवार के लोग उसकी खोजबीन में जुटे थे। अगले दिन किशन के शव के टुकड़े गांव के बाहर तालाब किनारे पड़े मिले। उसके पंजे और पैर मिले, जबकि धड़ और सिर गायब था। आठ दिन बाद तालाब किनारे एक खोपड़ी बरामद हुई। पुलिस ने उक्त खोपड़ी किशन की होने की दावा किया। उसे डीएनए परीक्षण के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया। छात्र का धड़ सात महीने बाद भी पुलिस बरामद नहीं कर सकी।
तत्काल कार्रवाई करती तो पकड़ा जाता हत्यारा
छात्र के परिजनों और गांव वालों का कहना था कि पुलिस ने मामले में तत्काल कार्रवाई नहीं की। यदि, वह शक के दायरे में आए लोगों से सख्ती से पूछताछ करती तो हत्यारे का सुराग लग सकता था।
परिवार का नजदीकी है हत्यारा
गांव वालों का कहना था कि किशन का हत्यारा परिवार का नजदीकी है। छात्र ने कुछ ऐसा देख लिया होगा जिससे कि हत्यारे को लगा होगा कि वह जेल जा सकता है। उसने खुद को बचाने के लिए बालक की हत्या कर दी। इसके बाद उसने साजिश के तहत हत्याकांड को तंत्रमंत्र का रूप दे दिया।
एक दर्जन तंत्रमंत्र करने वालों से पूछताछ
पुलिस ने हत्यारे का सुराग लगाने के लिए सात महीने के दौरान तंत्रमंत्र करने वाले एक दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। हत्यारे का सुराग नहीं मिला। छात्र के शव को अंग-भंग किया गया था। शव के पास तांत्रिक क्रिया के साक्ष्य नहीं मिले थे।
पर्दाफाश की उम्मीद में सात महीने से गांव में डटे दंपती
बेटे की हत्या के पर्दाफाश की उम्मीद में हरिओम और उनकी पत्नी सात महीने से गांव में ही डेरा डाले हैं। वो घर का चिराग बुझाने वाले को सलाखों के पीछे देखना चाहते हैं।
'हत्याकांड की सभी पहलुओं से विवेचना की जा रही है। पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर जांच की जा रही है'।
प्रमोद कुमार, एसपी पूर्वी, आगरा
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