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कचरा अगर खाद बन जाए तो कैसा रहे, रहेगी शहर में सफाई और होगी कमाई भी Agra News

हर दिन बनेगी 305 मीट्रिक टन खाद पीपीपी मॉडल पर दिल्ली की दो निजी कंपनियां कुबेरपुर में लगाएंगी प्लांट। स्वच्छता सर्वेक्षण में ताजनगरी को टॉप टेन रैंक में लाने का प्रयास।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 09:15 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 09:15 AM (IST)
कचरा अगर खाद बन जाए तो कैसा रहे, रहेगी शहर में सफाई और होगी कमाई भी Agra News
कचरा अगर खाद बन जाए तो कैसा रहे, रहेगी शहर में सफाई और होगी कमाई भी Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। स्वच्छता सर्वेक्षण में हैट्रिक बनाने वाले इंदौर के नक्शे कदम पर अब नगर निगम आगरा भी चलेगा। कूड़ा उठाने के साथ ही उसके निस्तारण पर ध्यान देगा। कुबेरपुर में दिल्ली की दो कंपनियां 305 मीट्रिक टन (एमटी) खाद तैयार करेंगी। आगरा मंडल में नगर निगम पहला शहर होगा, जहां शत-प्रतिशत गीले कूड़े का निस्तारण होगा। खाद की बिक्री से निगम को हर माह लाखों रुपये की आय भी होगी।

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जनवरी 2020 में स्वच्छता सर्वेक्षण होने जा रहा है। इंदौर शहर ने सूखे और गीले कूड़े के निस्तारण पर सबसे अधिक फोकस किया था। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर प्लांट लगाए गए। निगम का प्रयास है कि सर्वेक्षण में आगरा देश में टॉप टेन रैंक हासिल करे। वर्तमान में निगम के 100 वार्ड से हर दिन 750 एमटी कूड़ा निकलता है जिसमें 400 सूखा और 350 एमटी गीला कूड़ा होता है। वर्तमान में हर दिन 300 एमटी गीले कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। नगरायुक्त अरुण प्रकाश ने बताया कि कुबेरपुर में 300 एमटी का एक और पांच एमटी का एक प्लांट लगाया जाएगा। राज्य सरकार से अनुमति मांगी गई है।

एक हजार एमटी खाद का मिला है आर्डर

नगरायुक्त ने बताया कि कृभको ने नगर निगम आगरा को एक हजार एमटी खाद का आर्डर मिला था। अब तक 350 एमटी खाद की आपूर्ति की जा चुकी है। प्रति टन 1500 रुपये की सब्सिडी मिलेगी।

16 से शुरू होगा 15 दिवसीय विशेष सफाई अभियान

इस वित्तीय साल में स्वच्छता सर्वेक्षण छह हजार अंक का होगा। माइनस मार्किंग भी होगी। निगम प्रशासन 16 सितंबर से 15 दिवसीय विशेष सफाई अभियान चलाएगा। नगरायुक्त ने बताया कि दो अक्टूबर से चार माह का सफाई अभियान चलेगा। निगम के पास 3200 सफाई कर्मचारी हैं।

रोड पर न फेंके कूड़ा

मेयर नवीन जैन ने लोगों से रोड पर कूड़ा न फेंकने की अपील की हैं। साथ ही पॉलीथिन और प्लास्टिक का प्रयोग न करने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर से विशेष जागरूकता अभियान शुरू होगा।

शहर में कचरे का गणित

- शहर के 100 वार्ड से हर दिन साढ़े सात सौ एमटी कूड़ा निकलता है।

- 2018 नवंबर से गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग निस्तारित करना शुरू किया गया था।

-02 लाख रुपये की आय पहले महीने हुई थी नगर निगम को। यह अब 12 लाख तक पहुंच गई है।

-60 मीट्रिक टन सूखा कूड़ा हर दिन 25 कैटेगरी में अलग किया जाता है।

-30 मीट्रिक टन गीले कूड़े से हर दिन खाद बन रही है।

- 20 एमटी का एक प्लांट कुबेरपुर में, धांधूपुरा में पांच एमटी का, राजनगर में चार एमटी के दो, आइएसबीटी में एक एमटी का एक प्लांट लगा हुआ है।

- 15 लाख रुपये में एक हजार मीट्रिक टन खाद कृभको को उपलब्ध कराने का आर्डर मिला है।

-70 हजार घरों में चार मीट्रिक टन खाद बन रही है। यह दावा नगर निगम का है।

-8.6 मीट्रिक टन खाद शहर की बड़ी डेयरी में हर दिन तैयार की जा रही है।

- 110 मीट्रिक टन मलबा हर दिन निगम कलेक्ट करता है।

आगे की योजना

- जल्द ही सालिड वेस्ट का प्लांट लगाया जा रहा है। इससे इसका निस्तारण हो सकेगा। इंटरलॉकिंग बनेंगी।

- कुबेरपुर में आठ लाख मीट्रिक टन कूड़ा पड़ा हुआ है। कूड़े को निस्तारित करने में 27.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

- नगर निगम कूड़े के निस्तारण में पांच तरीके का प्रयोग कर रहा है जिसमें रीड्यूज, रीयूज, रीसाइकिल, रीफ्यूज, रिकवर है। 


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