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कहीं आपका DL भी तो फर्जी नहीं! करा लीजिए जरूर से चेक Agra News

आगरा जिले में 6.54 लाख महिला-पुरुषों के पास हैं ड्राइविंग लाइसेंस। 50 हजार से अधिक लोगों के निकल चुके हैं फर्जी लाइसेंस।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 07:26 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 07:49 AM (IST)
कहीं आपका DL भी तो फर्जी नहीं! करा लीजिए जरूर से चेक Agra News
कहीं आपका DL भी तो फर्जी नहीं! करा लीजिए जरूर से चेक Agra News

आगरा, यतीश शर्मा। कहीं आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी तो फर्जी नहीं है। सावधानी के तौर पर एक बार लाइसेंस के सही होने की पुष्टि जरूर करा लें, क्योंकि आरटीओ ऑफिस में 2013 से पहले बने एक से डेढ़ लाख लाइसेंस के फर्जी होने की संभावना स्वयं अधिकारी अनाधिकृत रूप से जता रहे हैं। चूंकि 2013 से पहले मैनुअल लाइसेंस बनता था और उसका ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज होता था। यदि रजिस्टर में ब्यौरा नहीं है तो लाइसेंस फर्जी है। आरटीओ ऑफिस में ऐसे चार से पांच लोग रोजाना आ रहे हैं। जिनके लाइसेंस का ब्यौरा आरटीओ ऑफिस के रजिस्टर से मेल नहीं खा रहा है। जब उन्हें जानकारी होती है तो वह सन्न रह जाते हैं, क्योंकि लगभग 20 साल से वह फर्जी लाइसेंस से वाहन चला रहे थे। अधिकारियों की सलाह पर उन्हें पुन: लाइसेंस बनवाना पड़ता है।

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रजिस्टर में निकलता है दूसरे का नाम

मैनुअल लाइसेंस धारियों को अपने लाइसेंस के फर्जी होने की जानकारी उस समय होती है जब वह उसके नवीनीकरण या स्मार्ट कार्ड में तब्दील कराने के लिए आरटीओ ऑफिस पहुंचते हैं। यहां उनके लाइसेंस के ब्यौरे को रजिस्टर में देखा जाता है तो उनके पास जो लाइसेंस है उस पर पड़े नंबर पर अन्य व्यक्ति का लाइसेंस बना होता है।

जिले में कुल 6.54 महिला-पुरुष हैं लाइसेंसधारक

आगरा जिले में छह लाख 54 हजार 706 लोगों के पास लाइसेंस हैं। इसमें छह लाख 21 हजार 389 पुरुष, 33 हजार 227 महिलाएं तथा 91 अन्य हैं। यह वह लोग हैं जिनका रिकार्ड रजिस्टर के साथ कंप्यूटर में भी दर्ज है।

2013 के बाद फर्जी लाइसेंस निकलना हुए शुरू

2013 से पहले आरटीओ ऑफिस में मैनुअल (कागज) पर लाइसेंस बनाए जाते थे। 2013 के बाद आरटीओ ऑफिस का रिकार्ड ऑन लाइन होना शुरू हुआ। सारथी-1 सॉफ्टवेयर आया और लाइसेंस भी ऑन लाइन बनना शुरू हुआ। इसके बाद साल-दर साल बदलती तकनीकि को संभागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारियों ने अपनाया। आज सारथी-4 में लाइसेंस, फिटनेस, रजिस्ट्रेशन समेत अन्य सभी कार्य ऑन लाइन हो रहे हैं। यही कारण है कि अब तक करीब 50 हजार लाइसेंस फर्जी निकल चुके हैं और एक लाख से अधिक की फर्जी निकलने की संभावना है।

पहले 20 साल फिर 50 साल उम्र तक के लिए जारी होता है डीएल

18 साल एक माह के लोगों का 20 साल के लिए लाइसेंस जारी होता है। इसके बाद 35 वर्ष या उससे अधिक की उम्र वालों का 50 साल की उम्र तक के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है। 50 साल की उम्र पार करने वालों के लाइसेंस का नवीनीकरण पांच साल के लिए होता है।

घर बैठे करें लाइसेंस के असली होने की पुष्टि

एंड्रायड मोबाइल के प्ले स्टोर से 'एम परिवहन एप' डाउनलोड करें। इसमें डीएल डैशबोर्ड ऑप्शन में अपना लाइसेंस नंबर डालें। कुछ ही देर में लाइसेंस के असली एवं नकली होने की पुष्टि घर बैठे ही हो जाएगी।

वरीयता पर कराया जा रहा कार्य

एआरटीओ प्रशासन अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सन 1998 से 2010 के तक बने लाइसेंस फर्जी निकल रहे हैं। इन लोगों के साथ विभाग की पूरी सहानुभूति होती है। इसीलिए इनका कार्य वरीयता के आधार पर कराया जाता है। 


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