आगरा में जन्माष्टमी पर खुली एक मां के विश्वास की आंखें, गंभीर बीमारी को मात देकर दिया नये जीवन काे जन्म
किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रही मोनिका ने दिया बेटे को जन्म। डा. शिवानी चतुर्वेदी ने बताया कि पिछले दो-तीन से मोनिका की स्थिति काफी खराब थी। बच्चे पर भी खतरा था।सिजेरियन डिलीवरी कराई गई अब दोनों खतरे से बाहर हैं। बच्चा एनआइसीयू में है।
आगरा, जागरण संवाददाता। चाहे मेरी जान चली जाए, पर मेरा बच्चा इस दुनिया में अपनी आंखें खोलेगा। यह विश्वास था एक मां का, जो गंभीर किडनी की बीमारी से जूझ रही थी। जिसके लिए मां बनना उसकी जान को जोखिम में डाल रहा था, पर उसने हर तकलीफ, हर दर्द और हर खतरे को सहते और समझते हुए अपने बच्चे को जनमाष्टमी पर जन्म दिया।
दयालबाग में रहने वाली लगभग 30 साल की मोनिका को किडनी की गंभीर बीमारी है। मां बनने का सपना देखा तो चिकित्सकों ने खतरे गिना दिए। यह भी कहा कि मां बनना आसान नहीं होगा, जान को भी खतरा हो सकता है। पर मोनिका ठान चुकी थी कि मां बनने का सुख उससे कोई नहीं छीन सकता क्योंकि किडनी की बीमारी गंभीर रूप ले रही थी। वो जानती थी कि मां बनने का यह अंतिम मौका है। मोनिका की इस जिद और विश्वास के आगे हर खतरा दरकिनार हो गया। जनमाष्टमी पर मोनिका ने बेटे को जन्म दिया। गर्भावस्था में मोनिका का इलाज करने वाली डा. शिवानी चतुर्वेदी ने बताया कि पिछले दो-तीन से मोनिका की स्थिति काफी खराब थी। बच्चे पर भी खतरा था।सिजेरियन डिलीवरी कराई गई, अब दोनों खतरे से बाहर हैं। बच्चा एनआइसीयू में है। मोनिका का इलाज अभी लंबा चलेगा।