भगवान के खजाने में ही लगा दी सेंध, दानघाटी मंदिर में हुआ 10.74 करोड़ का गबन
मंदिर सहायक प्रबंधक को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पाया दोष सिद्ध। नीलामी धनराशि का सहायक प्रबंधक ने खाते में नहीं जमा कराया धन।
आगरा, जेएनएन। प्रशासन सोता रहा और भगवान के खजाने में ही सेंध लग गई। सेंध लगानेे वाले भी अपने ही निकले। गोवर्धन स्थित प्रसिद्ध दानघाटी मंदिर के खातों से 10.74 करोड़ रुपये का गबन किया जाना सामने आया है। मंदिर के सहायक प्रबंधक पर आरोप है कि नीलामी ठेका की यह धनराशि भगवान के खाते में जमा नहीं की गई। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इसे घोर वित्तीय अनियमितता मानते हुए उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है।
दानघाटी मंदिर संचालन के लिए बहुत पहले गिर्राज सेवक समिति बनाई गई। समिति में विवाद होने पर न्यायालय ने यहां की व्यवस्था के लिए पहले रिसीवर तैनात किया। बाद में यहां एक प्रबंधक और सहायक प्रबंधक बैठाया गया। प्रबंधक को भी जल्द हटा दिया गया और कई सालों से यहां की व्यवस्था सहायक प्रबंधक डालचंद के हाथ में है। कोर्ट इस मंदिर की मॉनीटङ्क्षरग करती है। मंदिर का दान-भेंट का हर माह ठेका उठाया जाता है। डालचंद पर इसी ठेका की धनराशि को खाते में जमा न करने का आरोप है। यह विवाद गिर्राज सेवक समिति बनाम दिलीप कुमार वाद संख्या 332-1999 अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां चला। मामले में सहायक प्रबंधक पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने मई 2017 से लेकर अक्टूबर 2018 तक ठेका की नीलामी धनराशि का 10 करोड़ 74 लाख 82 हजार रुपये समिति के खाते में जमा नहीं किए। कोर्ट ने इस मामले में बार-बार उन्हें खाता व्यय रजिस्टर और बैंक स्टेटमेंट प्रस्तुत करने को कहा, मगर वह ऐसा करने में असफल रहे। मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पत्रावली के अवलोकन के बाद टिप्पणी की है कि सहायक प्रबंधक डालचंद ने जितनी धनराशि ठेका नीलामी से प्रत्येक माह उठाई, उतनी धनराशि समिति के खाते में जमा नहीं की। यह घोर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। मंदिर के रुपयों में दुरुपयोग साफ दिखाई देता है। इस मामले में कोर्ट ने सहायक प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। मामले में जल्द ही फैसला आ सकता है।
घपले का मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
दानघाटी मंदिर में रुपयों की धोखाधड़ी के मामले में रिपोर्ट दर्ज न किए जाने की शिकायत का मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने डीएम और एसएसपी को नोटिस जारी कर मामले की जांच के लिए दिशा निर्देश दिए हैं। गिर्राज सेवक समिति, बड़ा बाजार गोवर्धन के सचिव रमाकांत कौशिक ने दानघाटी मंदिर में चल रहे घपले की जांच के लिए जनवरी में पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस के एफआइआर न करने पर मानवाधिकार आयोग से जांच के लिए गुहार लगाई । आयोग ने इस शिकायती पत्र का संज्ञान लिया है। मानवाधिकार आयोग ने डीएम और एसएसपी को जांच के आदेश दिए हैं।
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