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मोक्ष कल्याणक के साथ संपन्न हुआ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव

एमके पुरम पश्चिमपुरी से निकाली गई जिनेंद्र भगवान की रथयात्रा भगवान पा‌र्श्वनाथ का मस्तकाभिषेक व निर्वाण कल्याणक पूजन हुआ

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 08:15 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 08:15 PM (IST)
मोक्ष कल्याणक के साथ संपन्न हुआ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव
मोक्ष कल्याणक के साथ संपन्न हुआ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव

आगरा, जागरण संवाददाता। चितामणि भगवान पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, एमके पुरम पश्चिमपुरी में चल रहे चितामणि भगवान पा‌र्श्वनाथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन शनिवार को हुआ। अंतिम दिन मोक्ष कल्याणक हुआ। बैंड-बाजों के साथ जिनेंद्र भगवान की रथयात्रा निकाली गई।

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महोत्सव में मुनि प्रणम्य सागर और मुनि चंद्र सागर के सानिध्य में पं. विनोद कुमार सनत कुमार ने श्रीजी का अभिषेक किया। संगीतमय विधान पूजन हुआ। भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्यमय भक्ति की। जिनेंद्र भगवान का अभिषेक, शांतिधारा, नित्यमय पूजन, दसभक्ति पाठ, मोक्ष गमन, निर्वाण कल्याणक पूजन, शांति यज्ञ व विसर्जन हुआ। भगवान के मोक्ष कल्याणक के बाद भगवान पा‌र्श्वनाथ का प्रथम मस्तकाभिषेक हुआ। मुनि प्रणम्य सागर ने कहा कि भगवान की भक्ति में अपना मन लगाकर रखें। इसी से हमारी आत्मा के परिणाम शुद्ध होते हैं। इसी से मोक्ष मार्ग की प्राप्ति होगी। हम अक्सर एक त्रुटि करते हैं कि मोक्ष कल्याणक को अंतिम कल्याणक कहते हैं। एक तरह से चंद्रप्रभु की आत्मा के लिए मोक्षगमन के साथ यह अंतिम पड़ाव हो, कितु तीर्थंकरत्व की यात्रा जो एक दर्शन को समग्र रूप देती है, अंतिम कहना विचारणीय है। वास्तव में मोक्षगमन जैन दर्शन के चितन की चरमोत्कृष्ट अवस्था है। समस्त कल्याणक महोत्सव का यह सरताज है।

एमके पुरम से जिनेंद्र भगवान की रथयात्रा निकाली गई। कारगिल पेट्रोल पंप, सेक्टर नौ होते हुए रथयात्रा सेक्टर सात स्थित जैन मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। इसमें श्रद्धालु भगवान की मूर्तियां लेकर चल रहे थे। मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालुओं ने भगवान की आरती उतारकर जुलूस का स्वागत किया। प्रदीप जैन पीएनसी, राजेश जैन, राहुल जैन, संजय जैन, मनोज जैन, जगदीश प्रसाद जैन, राकेश जैन, विजय जैन, डा. शैलेंद्र जैन, अनुराग जैन, अमर जैन, चौ. गौरव जैन, सुशील जैन आदि मौजूद रहे। केवल ज्ञान प्राप्त कर आदि कुमार बने ऋषभ सागर आगरा, जागरण संवाददाता। पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, ओल्ड ईदगाह कालोनी में चल रहे मज्जिनेंद्र जिनबिब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव व विश्व शांति महायज्ञ में शनिवार को भगवान आदिनाथ का कल्याणक हुआ। इसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। केवल ज्ञान प्राप्त कर आदि कुमार से ऋषभ सागर बने भगवान के पड़गान में आकर्षक रंगोली सजाई गई।

पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित महोत्सव में मुनि वीर सागर, धवल सागर व विशाल सागर के सानिध्य में मंत्रोच्चारण के बीच भगवान का अभिषेक व शांतिधारा पूजन हुआ। ज्ञान कल्याणक पूजन, शांति हवन, ज्ञान संस्कार विधि, समोवशरण की रचना एवं दिव्य देशना आदि धार्मिक अनुष्ठान हुए। मुख्य संयोजक रिकू जैन ने बताया कि इंद्र-इंद्राणियों ने देव, शास्त्र पूजन के साथ अष्ट द्रव्यों से भगवान की पूजा, स्मरण ध्यान कर ज्ञान कल्याणक का अ‌र्घ्य समर्पित किया। भगवान आदिनाथ का समोवशरण हुआ। मुनि वीर सागर, धवल सागर व विशाल सागर ने मूर्ति को प्रतिष्ठित किया। नीलेश जैन ने भजनों से माहौल को भक्तिमय बना दिया। संचालन प्रदीप भैया ने किया। अनिल जैन, अमित जैन, अजीत जैन, अभय केदार, रविद्र, राजकुमार, सचिन, चंद्रदीप, अतुल, अजय, दीपक आदि मौजूद रहे। श्रद्धालुओं ने जाना आहार दान का महत्व

मुनि वीर सागर व विशाल सागर ने महोत्सव में प्रवचन करते हुए श्रद्धालुओं को आहार दान का महत्व बताया। तीर्थंकर मुनि को आहार दान देकर राजा श्रेयांश ने अक्षय पुण्य प्राप्त किया था। मुनिश्री ने कहा कि कल्याण का मार्ग गुरु के प्रति विनय भाव से ही मिलता है। कितने भी शास्त्र और सिद्धांत पढ़ लो, गुरु भक्ति के बिना कल्याणक के मार्ग तक नहीं पहुंच सकते। जिस घर में गुरु चरण पड़ जाएं, वह घर मंदिर बन जाता है। भगवान आदिनाथ के जन्म से पूर्व का इतिहास उन्होंने बताया। शाम को भव्य आरती हुई।


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