अब तीन तलाक कहने से पहले 300 बार सोचेगा शौहर
- मोदी का भाषण सुनने बड़ी संख्या में पहुंची अल्पसंख्यक महिलाएं, तीन तलाक पर बनाए कानून से पीड़िता को मिले तीन अधिकार
आगरा, जागरण संवाददाता। तीन तलाक कहने से पहले अब कोई भी शौहर 300 बार सोचेगा। सिर्फ तीन बार तलाक कहकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकेगा।
इस पर कानून बनने के बाद पीड़िता को भी अब तीन अधिकार मिल गए हैं। तलाक दिया तो पहले केस फिर जेल और उसके बाद मुकदमा चलेगा।
मोदी की जनसभा में बुधवार को बड़ी संख्या में पहुंची अल्पसंख्यक महिलाओं का तीन तलाक पर नजरिया बिल्कुल स्पष्ट था। उन्होंने इस पर बने कानून का स्वागत किया। उनका कहना था कि तीन तलाक की तलवार का डर महिलाओं को अघोषित दबाव में रखता था। उनके मन में कहीं न कहीं इसे लेकर एक डर सा बैठा रहता था। कहीं शौहर जरा सी बात पर तलाक न दे दे। तीन तलाक पर सरकार द्वारा बनाए कानून ने महिलाओं को मजबूत किया है। कानून बनने के बाद पीड़ित बीवी शौहर पर कार्रवाई कर सकती है। उसके तलाक देने पर केस दर्ज कराके जेल भेज सकती है। शौहर पर मुकदमा चला सकती है।
मोदी को देखने के लिए उत्साहित थीं अल्पसंख्यक महिलाएं
अल्पसंख्यक महिलाएं मोदी को देखने और उनका भाषण सुनने को लेकर उत्साहित थीं। काला बुर्का पहनने के चलते सुरक्षाकर्मियों ने महिलाओं को अंदर नहीं जाने दिया। इस पर कई ने अपने बुर्के उतारकर शाल ओढ़ ली। जबकि अन्य ने बाहर सड़क से ही मोदी का भाषण सुना। तीन तलाक कहकर कोई कैसे अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो सकता है। ऐसे ही लोगों के लिए कानून बनाया गया है। शबनम
तीन तलाक पर जो कानून आया है, सही है। इससे पीड़िता शौहर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकेगी।
नाजमा
तीन तलाक पर कानून बनाकर सरकार ने सही किया है। साफ-सफाई पर जो अभियान चल रहा है, वह भी अच्छा है।
रहीसा