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मौत का मॉकड्रिल, अदालत ने आगरा के श्री पारस अस्पताल प्रकरण में सुना पीड़ितों का पक्ष

पीड़ित राजू यादव राजीव शर्मा और दूरबीन सिंह के प्रार्थना पत्रों पर हुई सुनवाई। अधिवक्ताओं के पैनल ने इंटरनेट मीडिया में वायरल वीडियो की डीवीडी कोर्ट में की पेश। अब 17 अगस्‍त को आएगा इस मामले में आदेश।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 05:04 PM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 05:04 PM (IST)
मौत का मॉकड्रिल, अदालत ने आगरा के श्री पारस अस्पताल प्रकरण में सुना पीड़ितों का पक्ष
आगरा के पारस अस्‍पताल प्रकरण में सुनवाई कर के फैसला सुरक्षित रख लिया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। श्री पारस अस्पताल प्रकरण में अदालत ने तीन पीड़ितों के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। पीड़ितों की पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं के पैनल ने उनका पक्ष रखा। अस्पताल संचालक और प्रबंधन के खिलाफ मुकदमे की पैरवी की। पैनल ने अस्पताल संचालक डाक्टर अरिंजय जैन का इंटरनेट मीडिया में वायरल हुए वीडियो की डीवीडी भी अदालत में प्रस्तुत की। पैनल ने तर्क दिया कि जब कुछ हुआ ही नहीं था तो पुलिस ने महामारी अधिनियम का मुकदमा क्यों दर्ज किया। सुनवाई पूरी होने के बाद अब 17 अगस्त को अदालत का आदेश आएगा।

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श्री पारस अस्पताल के संचालक के डाक्टर अरिंजय जैन और स्टाफ पर आक्सीजन की माक ड्रिल का आरोप है। कथित माक ड्रिल में वहां भर्ती मरीजों की जान चली गई थी। प्रशासन की जांच से असंतुष्ट कई पीड़ितों ने श्री पारस अस्पताल के संचालक व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए अदालत की शरण में पहुंचे हैं। जिसमें इटावा के भरथना निवासी राजू यादव, दूरबीन सिंह और राजीव शर्मा के प्रार्थना पत्र पर बुधवार को अदालत में सुनवाई हुई। तीनों पीड़ितों की पैरवी युवा अधिवक्ता संघ का पैनल कर रहा है।

पैनल ने अदालत को बताया कि करीब डेढ़ महीने से पीड़ित मुकदमा दर्ज कराने के लिए चक्कर काट रहे हैं। पुलिस-प्रशासन में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। पैनल ने अदालत में कहा कि अस्पताल में आक्सीजन की माक ड्रिल हुई थी। जिसे इंटरनेट मीडिया में वायरल हुए वीडियाे में खुद अस्पताल संचालक डाक्टर अरिंजय जैन ने स्वीकार किया है। पैनल ने अदालत से कहा कि अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों के स्वजन से अवैध भी वसूली। उनसे अधिक भुगतान लेकर बिल कम दिए।

पैनल ने अदालत में कहा कि एक मरीज की बिना जांच कराए ही कोरोना का इलाज किया गया। उसके शव का अंतिम संस्कार भी काेविड प्रोटोकाल के तहत कराया गया। पैनल की ओर से पीड़ितों का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने अब मामले में 17 अगस्त की तारीख नियत की है।

इन अधिवक्ताओं ने रखा पीड़ितों का पक्ष

अदालत में पीड़ितों का पक्ष रखने वालों में वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश कुमार शर्मा, आगरा एडवाेकेट एसाेसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा, युवा अधिवक्ता संघ के मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा, पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता सहयोग समिति के योगेश लवानियां, कौशल विकास परिषद के महासचिव अमित कुमार शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र कुमार शर्मा, धनजंय शर्मा, संत कुमार, राजेंद्र नवानिया, श्रेष्ठा मिश्रा, मंजू द्विवेदी, पंकज द्विवेदी, अरुण तेरिया आदि।


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