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Alert for Family: कहीं अापके जीवनसाथी भी तो नहीं चिपके रहते मोबाइल से, हो न जाए घर में तकरार

महिला थाने और आशा ज्योति केंद्र पहुंचने वाले मामलों में 30 फीसद में विवाद की जड़ मोबाइल। पति-पत्नी का एक दूसरे पर आरोप एक दूसरे को समय देने की जगह मोबाइल पर रहते हैं व्यस्त। वाट्सएप और फेसबुक का यूज डाल रहा मियां बीवी में शक की दरार।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 11:03 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 11:03 AM (IST)
आज के दौर में पति-पत्‍नी मोबाइल यूज को लेकर एक-दूसरे पर शक कर रहे हैं। प्रतीकात्‍मक फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। शाहगंज क्षेत्र निवासी महिला के पति कपड़ा व्यापारी हैं। दुकान से लौटते के बाद पत्नी उनसे परिवार और बच्चों के बारे में बात करना चाहती है। मगर, पति का दुकान से लौटने के बाद पत्नी और बच्चों से ज्यादा ध्यान मोबाइल पर रहता था। पत्नी की किसी बात को वह चंद सेकेंड में खत्म करके दोबारा मोबाइल पर व्यस्त हो जाते। पति का यह मोबाइल प्रेम पत्नी के असहनीय हो गया। इसे लेकर छोटी-छोटी बातों पर विवाद शुरू हो गया। मामला महिला थाने पहुंच गया। पत्नी ने पति द्वारा अपने उत्पीड़न की शिकायत पुलिस से की। काउंसिलंग के दौरान पता चला कि विवाद की असली वजह मोबाइल है। जो पति-पत्नी के बीच रार का सबब बना। काउंसिलिंग में पति ने अपनी गलती मानते हुए मोबाइल का घर में कम से कम प्रयोग करने की आश्वासन दिया। इसके बाद उनके बीच सुलह हो सकी।

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केस दो: जगदीशपुरा क्षेत्र निवासी दंपती की शादी दो साल पहले हुई है। पति एक जूता फैक्ट्री में लेबर ठेकेदार है। वह शाम को घर लौटता तो पत्नी मोबाइल में व्यस्त मिलती। अपने मायके वालों से आधा-आधा घंटे बात करती। इसे लेकर ससुराल वालों ने एतराज करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि बहू घर के कामकाज में मोबाइल पर ज्यादा ध्यान देती है। कई बार समझाने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो पति ने मोबाइल को उससे छीनकर अपने पास रख लिया। इससे विवाद शुरू हो गया, पत्नी ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ आशा ज्योति केंद्र में उत्पीड़न की शिकायत कर दी। वहां काउंसलर ने पति-पत्नी के अलावा उनके स्वजन को भी बुलाया। दंपती की काउंसिलिंग करने के साथ ही पत्नी के मायके वालों को भी समझाया गया।

रिश्तों में तकनीकी का हद से ज्यादा प्रयोग पति-पत्नी के बीच रार का सबब बन रहा है। महिला थाने और आशा ज्योति केंद्र आने वाले महिला उत्पीड़न के मामलों में 30 फीसद की जड़ में मोबाइल है। अधिकांश पत्नियों का आरोप था कि पति घर में आने के बाद उनसे ज्यादा तरजीह मोबाइल को देते हैं। इससे वह उनसे अपनी बात नहीं कह पातीं। पति से कुछ कहती हैं तो वह मोबाइल में व्यस्त होने के चलते अनसुना कर देते हैं। वहीं पतियों का आरोप था कि पत्नी का ज्यादातर समय मोबाइल पर बीतता है। इसके चलते वह घर के जरूरी काम नहीं करतीं। कभी-कभी तो बच्चों का होमवर्क कराना भी भूल जाती हैं।

पतियों की शिकायत

महिला थाने और आशा ज्योति केंद्र पर आने वाले पतियों की काउंसलर से पत्नियाें को लेकर मुख्य शिकायत यह थीं

-पत्नी घर के कामकाज पर ध्यान नहीं देती।

-मोबाइल पर घंटों अपने मायके वालों से बात करती हैं।

-इससे बच्चों की पढाई प्रभावित हो रही है। वह उन्हें होमवर्क कराना भी भूल जाती हैं।

-मोबाइल में व्यस्तता के चलते वह उनके द्वारा बताए काम को सुनने के बाद भूल जाती हैं।

-कुछ पूछने पर यूट्यूब पर नई रेसिपी बनाने का तरीका सीखने की कह देती हैं।

पत्नियों की शिकायत

महिला थाने और आशा ज्योति केंद्र पर आने वाली पत्नियों की काउंसलर से पतियों को लेकर मुख्य शिकायत यह थीं

-पति कार्यालय या दुकान से आने के बाद भी मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं।

-इसके चलते पत्नी और बच्चों को पर्याप्त समय नहीं देते हैं।

-किसी काम की कहने पर उसे ध्यान से नहीं सुनते, पूछने पर भूल जाते हैं।

-बच्चों को अपना पूरा समय नहीं देते, बाजार जाने की कहने पर टाल देते हैं।

यह बातें पैदा करती हैं शक

-पति और पत्नी का मोबाइल पर बात करते समय एक दूसरे को देखकर अचानक चुप हो जाते हैं।

-पति-पत्नी दोनों अपने मोबाइल में लाक लगाकर रखते हैं। एक दूसरे को अपना अनलाक कोड नहीं बताते हैं।

-किसी की काल आने पर घर से बाहर या एकांत में जाकर बात करना।

थाने पर आने वाले दंपतियों के विवाद में मोबाइल भी एक कारण है। पति-पत्नी एक दूसरे पर मोबाइल में व्यस्त रहने का आरोप लगाते हैं। ऐसे मामलों में दंपतियों की काउंसिलिंग करके उन्हें समझाया जाता है।

अलका सिंह, इंस्पेक्टर महिला थाना


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