कागजों में मरीज भर्ती, हॉस्पिटल में बेड खाली
आगरा: कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइ) हॉस्पिटल में बड़ा खेल चल रहा है। यहां कागजों में 40 से 60 मरीज भर्ती दिखाए जाते हैं जबकि हककीत में चार से पांच ही मरीज भर्ती होते हैं।
आगरा(जागरण संवाददाता): कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइ) हॉस्पिटल में बड़ा खेल चल रहा है। यहां कागजों में 40 से 60 मरीज भर्ती दिखाए जाते हैं, जबकि हकीकत में चार-पांच मरीज ही भर्ती होते हैं। हॉस्पिटल में भर्ती दर्शाए जा रहे मरीजों के लिए लोकल पर्चेज से लाखों की दवाएं भी खरीदी जा रही हैं।
ईएसआइ हॉस्पिटल में 100 बेड हैं। महिला और पुरुष वार्ड अलग-अलग हैं। यहां कागजों में हर रोज 40 से 60 मरीज भर्ती दर्शाए जाते हैं। इन मरीजों के लिए लाखों की दवाएं खरीदी जा रही हैं। मगर, वार्ड में चार-पांच मरीज ही भर्ती होते हैं। सूत्रों के मुताबिक, ईएसआइ हॉस्पिटल से दलालों के द्वारा मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर करा दिया जाता है। इन मरीजों का लंबा इलाज चलता है, इन्हें दवाएं भर्ती होने पर ही मिल सकती हैं। ऐसे में निजी हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद मरीजों को ईएसआइ हॉस्पिटल में भर्ती दर्शा दिया जाता है। बाजार से दवाएं खरीदी जाती हैं। मरीजों को बुलाकर दवाएं देकर घर भेज दिया जाता है। इसके चलते वार्ड में चार-पांच मरीज ही भर्ती रहते हैं। इस बाबत सीएमओ ईएसआइ हॉस्पीटल डॉ. अतुल गुप्ता
का कहना है कि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से समस्या आ रही है, मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर करने के साथ ही बिल का भुगतान भी कराया जाता है। गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए लोकल पर्चेज से दवाएं खरीदी जा रही हैं।
ऑपरेशन थिएटर का नहीं खुलता ताला
ईएसआइ हॉस्पिटल में संविदा पर चिकित्सक (एनेस्थीसिया) हैं। अस्थि रोग विशेषज्ञ का पद खाली है। ऐसे में ऑपरेशन थिएटर पर ताला लगा हुआ है। यहां से मरीजों को एसएन और निजी अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी
ईएसआइ हॉस्पिटल में नर्स के 12 पद हैं, इसमें से चार नर्स तैनात हैं। नर्सिग स्टाफ के आठ पद रिक्त हैं। इसी तरह से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भी कमी है। ये है हाल
100 बेड हैं ईएसआइ हॉस्पिटल में
50-60 मरीज भर्ती दर्शाए जाते हैं रोज
04 से 05 मरीज ही महिला वार्ड में भर्ती रहते हैं, पुरुष वार्ड में ताला लटका रहता है।
150 से 200 मरीज रोजाना ओपीडी में पहुंचते हैं।