Missa Sacrifice: नवपूजन वर्ष की शुरुआत पर चढ़ाया मिस्सा बलिदान, आगरा के चर्च में हुईं विशेष प्रार्थनाएं
Missa Sacrifice निष्कलंक माता महागिरजाघर समेत अन्य चर्चों में हुईं प्रार्थनाएं। आगमन काल में मसीहीजन क्रिसमस के लिए करेंगे आध्यात्मिक तैयारी। क्रिसमस की तैयारियों के भी दिया संदेश। ईसाई पूजन वर्ष का प्रारंभ आगमन काल से होता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ईसाई समाज के नवपूजन वर्ष की शुरुआत सोमवार से हुई। प्रतापपुरा स्थित सेंट मेरीज चर्च में पवित्र मिस्सा बलिदान चढ़ाया गया। वजीरपुरा स्थित निष्कलंक माता महागिरजाघर, आगरा छावनी स्थित सेंट पैट्रिक्स चर्च व काैलक्खा स्थित सेंट जूड चर्च में विशेष प्रार्थनाएं की गईं।
गिरजाघरों में हुईं प्रार्थनाएं
निष्कलंक माता महागिरजाघर में आगरा महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष डा. राफी मंजलि ने कहा कि प्रभु ईसा मसीह का पुनरागमन सुनिश्चित है। हमारा विश्वास है कि अब वह कयामत के दिन संसार का न्याय करने पुन: आएंगे। हमें हर क्षण उनसे भेंट करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनसे हमारी भेंट एक प्रेमी, दयालु, न्यायकर्ता के रूप में होगी। सेंट मेरीज चर्च में पल्ली पुरोहित फादर जोसेफ डाबरे, फादर जान डिकुन्हा, फादर प्रकाश डिसूजा व फादर लायड लोबो ने नववर्ष का पवित्र मिस्सा बलिदान चढ़ाया।
फादर मून लाजरस ने बताया कि ईसाई पूजन वर्ष का प्रारंभ आगमन काल से होता है। इसके बाद क्रिसमस काल, सामान्य पूजा काल, दु:खभोग काल, पास्का काल, पुन: सामान्य पूजा काल आते हैं। आगमन काल में प्रभु ईसा मसीह के आने की आध्यात्मिक तैयारी मसीहीजन करते हैं। तीन से साढ़े तीन सप्ताह के आगमन काल में गिरजाघरों में विशेष सजावट नहीं होती है। पूजा में वाद्य यंत्रों का प्रयोग नहीं होता है। पूजा वेदी पर फूल नहीं लगाए जाते हैं।
क्रिसमस के लिए तैयारी
पुरोहित बैंगनी रंग के वस्त्र धारण करते हैं। विवाह व मांगलिक कार्यक्रम नहीं होते हैं। पुरोहित प्रवचन में सादा जीवन जीने, दान-पुण्य, सेवा सत्कार करने पर बल देते हैं। क्रिश्चियन समाज सेवा सोसायटी के अध्यक्ष डेनिस सिल्वेरा ने क्रिसमस के लिए आत्मिक रूप से तैयारी करने को कहा।