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प्रदेश में खनन माफिया के हौसले बुलंद, आगरा में ट्रैक्टर रोकने पर दारोगा का मारी गोली

आगरा में अवैध खनन रोकने पर माफिया के गुर्गों ने दारोगा निशंक त्यागी को गोली मार दी। गोली लगने से घायल त्यागी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 01:45 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 02:28 PM (IST)
प्रदेश में खनन माफिया के हौसले बुलंद, आगरा में ट्रैक्टर रोकने पर दारोगा का मारी गोली
प्रदेश में खनन माफिया के हौसले बुलंद, आगरा में ट्रैक्टर रोकने पर दारोगा का मारी गोली

आगरा, जेएनएन। प्रदेश के साथ ही ताजनगरी आगरा में खनन माफिया के हौसले बेहद बुलंद हैं। इनको अपने कुकृत्यों के सामने कानून-व्यवस्था की भी परवाह नही हैं। आगरा में अवैध खनन रोकने पर माफिया के गुर्गों ने दारोगा निशंक त्यागी को गोली मार दी। गोली लगने से घायल त्यागी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

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आगरा में इरादत नगर के सद्दुपुर में खनन माफिया के गुर्गे ने बालू से भारी ट्रैक्टर ट्राली रोकने पर दारोगा निशंक त्यागी को गोली मारकर घायल कर दिया। इरादत नगर थाने में तैनात दारोगा निशंक त्यागी यहां पर अवैध बालू-चम्बल और पत्थर के खनन खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत चेंकिग कर रहे थे। 

रविवार को इसी दौरान निशंक त्यागी और पुलिसकर्मियों ने सद्दुपुरा में पीपल रोड की ओर से आती बालू से भरी ट्रेक्टर-ट्रॉली को रोका। चालक से रवन्ना दिखाने की कहा। इस ट्रैक्टर चालक ने दारोगा पर तमंचे से फायर कर दिया।  गोली निशंक त्यागी के दाहिनी जांघ के पार हो गई। वह घायल होकर गिर गए। दोबारा उठकर चालक का पीछा करने की कोशिश की लेकिन वह जंगल में होकर भाग निकला। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने दारोगा को तत्काल कार में लाकर दिल्ली गेट स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। 

डॉक्टरों ने हालत खतरे से बाहर बताई है। फिलहाल हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। खनन माफिया की फायरिंग में दारोगा के घायल होने से पुलिस सक्रिय हो गई है। कई थानों की पुलिस सूदपुर गांव की ओर रवाना हुई है। यहां पर ट्रैक्टर-ट्राली वाले का पता लगाया जा रहा है। घायल दारोगा अभी ट्रेनिंग पर हैं।

गाजियाबाद के रहने वाले हैं

निशंक त्यागी वर्ष 2018 बैच के दारोगा हैं। वह गाजिय़ाबाद के थाना मुराद नगर के गांव रावली कला के रहने वाले हैं।

खेरागढ़ में खनन माफिया से हुई थी मुठभेड़

खेरागढ़ क्षेत्र में चंबल से ट्रैक्टरों और डंपरों के जरिए बालू लाई जाती है। इसके पीछे खनन माफिया को पुलिस का संरक्षण भी बताया जाता है। आरोप है कि जो महीनेदारी नहीं देते हैं केवल उन्हीं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करती है। कुछ महीने पहले इसी कारण खनन माफिया और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी। 

आइजी की जांच में छह थाने निकले दोषी

पुलिस महानिरीक्षक ए सतीश गणेश ने सप्ताहभर पहले पुलिस व खनन माफिया की मिलीभगत की जांच की थी। जिसमें खेरागढ़, इरादत नगर, सैंया, जगनेर, पिनाहट और कागारौल थाना पुलिस की लिप्तता पाई थी। उन्होंने एसएसपी को पत्र लिखकर माफिया पर शिंकजा कसने और इन्हें संरक्षण देने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद कुछ तेजतर्रार पुलिस वालों को सक्रिय किया गया है। 


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