आखिर क्या हुआ ऐसा कि मेट्रो की मंजूरी ने उड़ाईं एडीए अफसरों की हवाइयां
आगरा मेट्रो के निर्माण में सहयोग की भरी थी हामी। शासन के निर्देश पर फाइल की तलाश। 450 करोड़ का कर्ज है आगरा विकास प्राधिकरण पर 8262 करोड़ की योजना में एडीए को करना था सहयोग।
आगरा, अमित दीक्षित। ताजनगरी की मेट्रो को मंजूरी मिलने से स्थानीय लोग खुश हैं लेकिन आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) की मुसीबत बढ़ गई है। 450 करोड़ के कर्ज में डूबे एडीए के किसी अफसर ने योजना के शुरुआती दौर में करोड़ों सहयोग की हामी भर दी थी। अब सहयोग का समय आ रहा था तो एडीए के मौजूदा अफसर पैसे की कमी का रोना रो रहे हैं। खर्च करने के नाम पर अफसरों के चेहरे की हवाइयां उड़ी हैं। शासन स्तर से अब फाइल की तलाश की जा रही है जिससे यह पता लगाया जा सके कि किस अफसर ने सहयोग की हामी भरी थी।
एडीए की माली हालत खराब है। इनर रिंग रोड पार्ट-वन और टू के निर्माण के लिए हाउसिंग और अर्बन डेवलपमेंट कारपोरेशन (हुडको) से दो- दो सौ करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया था। इसके अलावा पार्ट वन के निर्माण के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण से सौ करोड़ रुपये भी लिए गए, जिसमें अभी तक पचास करोड़ ही लौटाए गए हैं। एडीए पर अभी चार सौ करोड़ रुपये का कर्ज है। ऐसे में किसी नई योजना को शुरू करने से पहले एडीए को धनराशि जुटाने में मुश्किल होगी।
पिछले दिनों प्रमुख सचिव, आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की थी। उन्होंने पूछा था कि 8262 करोड़ के मेट्रो प्रोजेक्ट में एडीए कितनी रकम खर्च कर सकता है। इस पर एडीए अफसर दाएं-बाएं देखने लगे। क्योंकि एडीए का खजाना पूरी तरह से खाली हो चुका है। जबकि इससे पहले हुई बैठकों में एडीए अफसरों ने मेट्रो के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च करने की हामी भरी थी।
प्रमुख सचिव के आदेश पर एडीए में मेट्रो से संबंधित फाइल की तलाश की जा रही है। शिलान्यास से पहले यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर किस अफसर ने मेट्रो के निर्माण में सहयोग की बात कही थी।
शास्त्रीपुरम हाइट्स की नहीं हो पा रही लॉचिंग
एक साल से शास्त्रीपुरम हाइट्स को लॉच करने की तैयारी चल रही है, लेकिन रियल एस्टेट में मंदी के चलते हर बार लॉचिंग टाली जा रही है। एडीए हाइट्स में अभी तक 500 में से 260 फ्लैट नहीं बिके हैं।
मेट्रो के दो कॉरीडोर
शहर में मेट्रो के दो कॉरीडोर हैं। पहला कॉरीडोर सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट तक और दूसरा आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक होगा। पहले कॉरीडोर की लंबाई 14 किमी होगी जिसमें साढ़े छह किमी एलीवेटेड और साढ़े सात किमी अंडरग्राउंड ट्रैक होगा। दूसरे कॉरीडोर की लंबाई 16 किमी होगी। यह पूरा ट्रैक एलीवेटेड होगा।