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गणित के प्रश्नों पर उलझे सीटेट के अभ्यर्थी, 7734 ने छोड़ी परीक्षा

आगरा जागरण संवाददाता। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) द्वारा रविवार को सेंट्रल ट

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 09:00 AM (IST)
गणित के प्रश्नों पर उलझे सीटेट के अभ्यर्थी, 7734 ने छोड़ी परीक्षा
गणित के प्रश्नों पर उलझे सीटेट के अभ्यर्थी, 7734 ने छोड़ी परीक्षा

आगरा, जागरण संवाददाता। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) द्वारा रविवार को सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटेट) परीक्षा आयोजित की गई। पेपर आसान रहा लेकिन गणित के प्रश्नों में अभ्यर्थी उलझ गए। दो पालियों में आयोजित परीक्षा में 53 हजार अभ्यर्थी शामिल होने थे लेकिन सात हजार से अधिक अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे।

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सीबीएसई द्वारा प्राइमरी स्टेज के लिए सीटेट परीक्षा सुबह 9.30 बजे से 12.30 बजे तक आयोजित की गई। प्राइमरी स्टेज की इस परीक्षा के आधार पर पहली से पाचवीं क्लास तक के शिक्षकों की भर्ती होती है। अभ्यर्थियों ने बताया कि पहला पेपर न ज्यादा मुश्किल और न ज्यादा आसान था। वहीं कुछ ने बताया कि इस साल का पेपर दिसंबर 2018 के मुकाबले आसान था। पहली पाली में 5519 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। दूसरी पाली का पेपर दोपहर दो बजे से 4.30 बजे तक आयोजित किया गया। यह परीक्षा छठी से आठवीं क्लास तक के टीचरों के लिए है। अभ्यर्थियों ने बताया कि बाल विकास और शिक्षा शास्त्र से उम्मीद से ज्यादा सवाल पूछे गए थे। लेकिन सभी सवाल आसान थे। उन्होंने बताया कि हिंदी भाषा का पेपर दिसंबर 2018 पेपर के मुकाबले आसान था। इंग्लिश लैंग्वेज सेक्शन काफी आसान था और सवाल उम्मीद के मुताबिक पूछे गए थे। अभ्यर्थियों ने बताया कि पर्यावरणीय अध्ययन के सवाल थोड़े मुश्किल लगे लेकिन बाकी पेपर आसान था। कुल मिलाकर यह आसान पेपर था। सबसे अधिक परेशानी गणित के प्रश्नों को लेकर रही। इन्हें हल करने में समय भी अधिक लगा और अपेक्षाकृत प्रश्न कठिन थे। सीटेट परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी पकड़ी

रविवार को आयोजित सीटेट परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी को पकड़ लिया। छात्रा की जगह परीक्षा देने आयी सॉल्वर दिल्ली की एक आइटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।

शाहगंज की दौरेठा निवासी सीमा ने सीटेट परीक्षा देनी थी। उसका सेंटर होली लाइट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पड़ा था। पहली पाली में परीक्षा के दौरान केंद्र परीक्षक के रिकार्ड से सीमा के फोटो का मिलान नहीं हुआ। शक होने पर परीक्षार्थी से पूछताछ की तो उसने अपना नाम नेहा निवासी पटना बताया। इसके बाद उसे पुलिस को सौंप दिया।

नेहा ने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली में एक आइटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। एक परिचित युवक ने उसे अपनी रिश्तेदार की जगह परीक्षा देने की कहा था। इसके बदले उसे 25 हजार रुपये देने की कहा तो वह लालच में आ गयी। इंस्पेक्टर जगदीशपुरा संजय कुमार पांडेय ने बताया केंद्र प्रबंधक की तहरीर पर फर्जी परीक्षार्थी नेहा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।


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