शर्मनाक! आगरा में प्रसूता को तीन घंटे घुमाता रहा एंबुलेंस चालक, मौत
निजी अस्पताल से सैफई मेडिकल कॉलेज किया गया रेफर कमीशन के लिए निजी अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा एंबुलेंस चालक। प्रसूता की तबीयत बिगडने पर ताजगंज क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचा यहां से एसएन रेफर कर दिया।
आगरा, जागरण संवाददाता। निजी अस्पताल में प्रसव के बाद प्रसूता की तबीयत बिगडने पर स्वजनों ने सैफई मेडिकल कॉलेज के लिए एंबुलेंस की। मगर, एंबुलेंस चालक तीन घंटे तक आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर घुमाता रहा। प्रसूता की मौत हो गई। मैनपुरी निवासी कुलदीप ने अपनी पत्नी पूनम के प्रसव पीडा होने पर सर्वोदय हॉस्पिटल वाटर वक्र्स में भर्ती कराया। यहां सोमवार को प्रसव कराया गया। नवजात की मौत हो गई। बुधवार को प्रसूता की तबीयत बिगडने पर सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। स्वजनों ने 10 हजार रुपये में सैफई मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए एंबुलेंस की। आरोप है कि एंबुलेंस चालक उन्हें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर घुमाता रहा। प्रसूता की तबीयत बिगडने पर ताजगंज क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचा, यहां से एसएन रेफर कर दिया। एसएन पहुंचे, लेकिन तब तक मौत हो चुकी थी। स्वजनों के हंगामा करने पर पुलिस पहुंच गई। लोहामंडी थाने की वरिष्ठ उप निरीक्षक इतुल चौधरी ने बताया कि स्वजनों ने कार्रवाई करने से मा कर दिया और शव लेकर चले गए। निजी अस्पताल में मरीज भर्ती करने पर मिलता है कमीशन एंबुलेंस चालक प्रसूता को निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए स्वजनों को समझाता रहा। उसने फोन पर कई निजी अस्पताल संचालकों से बात की, लेकिन प्रसूता की हालत गंभीर थी। निजी अस्पताल संचालकों ने भर्ती करने से इन्कार कर दिया। यहां करीब चार दर्जन अस्पतालों में एंबुलेंस चालक द्वारा गंभीर मरीज भर्ती करने पर पांच से 10 हजार रुपये कमीशन दिया जाता है।