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Masik Shivratri 2022: 28 को है मासिक शिवरात्रि, ये विशेष योग बनाएगा पूजा के लिए शुभ संयोग, पढ़ें किस मंत्र का करें जाप

Masik Shivratri 2022 28 मई 2022 शनिवार को दोपहर 1 बजकर 11 मिनट पर चतुर्दशी की तिथि प्रारंभ होगी। इस दिन ही मासिक शिवरात्रि की पूजा की जाएगी। इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है। इस दिन शोभन योग रहेगा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 02:41 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 02:41 PM (IST)
Masik Shivratri 2022: 28 को होगी मासिक शिवरात्रि की पूजा।

आगरा, जागरण संवाददाता। शिव समान दाता नहीं कोइ, शिव समान नहीं कोइ हितकारी। शिव की आराधना जितनी सरल है उतना ही सरल है शिव की भक्ति को साधना। मासिक शिवरात्रि का शिव भक्तों को इंतजार रहता है। ज्येष्ठ मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। 28 मई शनिवार को मासिक शिवरात्रि का व्रत है। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी विशेष पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में खुशियां लाती है।

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28 मई 2022, शनिवार को दोपहर 1 बजकर 11 मिनट पर चतुर्दशी की तिथि प्रारंभ होगी। इस दिन ही मासिक शिवरात्रि की पूजा की जाएगी। इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है। इस दिन शोभन योग रहेगा। पूजा पाठ के लिए ये योग उत्तम माना गया है।

शिव के प्रिय मंत्र

ॐ नमः शिवाय।

नमो नीलकण्ठाय।

ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः ।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।

मुनि अनुशासन गनपति हि पूजेहु शंभु भवानि।

कोउ सुनि संशय करै जनि सुर अनादि जिय जानि।।

हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया।

तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।

मासिक शिवरात्रि का महत्व

मासिक शिवरात्रि का व्रत करने और शिव पूजा करने से भक्तों को दुखों से छुटकारा मिलता है। कहते हैं कि भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति निरोगी रहता है। भगवान शिव अपने भक्तों को सुख, संपत्ति, संतान, आरोग्य, साहस सब कुछ प्रदान करते हैं। कहते हैं कि भोलेनाथ बहुत ही कृपालु और दयालु देव हैं। वे तो एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए नियमित रूप से शिवलिंग पर जल अर्पित करें। 

- ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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