इस्तकबाल को आए मेहमान, अपनों को रखा बेगाना, Trump को न देख पाने का मलाल आया सामने Agra News
खेरिया मोड़ और अजीत नगर गेट पर रहने वालेे नागरिकों का छलका दर्द स्वागत को घर के बाहर भी खड़े नहीं हो पाए।
आगरा, अली अब्बास। काफिला गुजर गया, गुबार देखते रहे। अजीत नगर गेट और खेरिया मोड़ पर रहने वालों को अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत में घर के बाहर खड़े न हो पाने का मलाल है। उनका मलाल तब और बढ़ गया जब उनके घर के सामने खड़े होने को शहर के दूसरे हिस्से से महिलाओं को बुलाया गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत के लिए खेरिया एयरपोर्ट के मुख्य गेट से खेरिया पुल तक 350 महिलाएं लाइन में खड़ी की गईं। यह सभी महिलाएं बरौली अहीर और शमसाबाद ब्लॉक के स्वयं सहायता समूह की सदस्य थीं। इनके हाथों में अमेरिकी और भारतीय ध्वज थे। प्रीती, कुसुमा मीरा और सरोज समेत इन सभी महिलाओं में जबरदस्त उत्साह था। वह दोपहर एक बजे से ही पहुंच गई थीं।
इन महिलाओं से अलग खेरिया मोड़ के जिस रूट से काफिला गुजरना था, वहां के लोगों में मायूसी थी। खेरिया मोड़ पर रहने वाले रजनीश, हेमंत, खेमचंद और गौरव आदि का कहना था कि दो दशक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन यहां आए थे। उस समय सड़कों पर पसरा सन्नाटा था। इसलिए इलाके के लोगों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें अपने घरों के बाहर खड़ा होकर अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत करने का मौका मिलेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए दूसरे ब्लॉक की महिलाओं को तो बुला लिया गया। उन्हें घरों के बाहर खड़ा होना तो दूर खिड़की और दरवाजे तक बंद रखने की हिदायत थी। वह अमेरिकी राष्ट्रपति का काफिला अपनी आंखों से देखने के ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनने से वंचित रह गए। वह तो सिर्फ गुबार देखते रह गए।