अब मनरेगा भी हुआ ऑनलाइन
जागरण संवाददाता, आगरा: मनरेगा के तहत होने वाले कार्यो की फाइलों को अब दफ्तरों में बाबू ल
जागरण संवाददाता, आगरा: मनरेगा के तहत होने वाले कार्यो की फाइलों को अब दफ्तरों में बाबू लटका नहीं सकेंगे।
शासन ने कार्यो में लालफीताशाही को समाप्त करने के उद्देश्य से सिक्योर नाम से सॉफ्टवेयर तैयार किया है। एस्टीमेट इसी साफ्टवेयर पर तैयार किया जाएगा। वित्तीय स्वीकृति भी इसी के जरिए जारी होगी। यह नई व्यवस्था एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। सोमवार को विकास भवन में इस बाबत कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।
मनरेगा के तहत कराए जाने वाले कार्यो के लिए एस्टीमेट ब्लाक मुख्यालय से बनते हैं। इसे तैयार करने में लेटलतीफी होती है। इसका असर विकास कार्यो पर पड़ता है। एस्टीमेट वित्तीय स्वीकृति के लिए अफसरों की टेबिल पर पड़े रहते हैं। नई व्यवस्था लागू की जा रही है। प्राक्कलन ब्लाक मुख्यालयों पर तैनात जेई और अन्य कर्मी तैयार करेंगे। प्रशिक्षण में उप आयुक्त मनरेगा भूपेंद्र सिंह, उप आयुक्त स्वत: रोजगार सीबी त्रिपाठी ने तकनीकी कर्मियों को सॉफ्टवेयर पर कामकाज के लिए दक्ष किया।
हर स्तर पर समयबद्धता
अफसरों ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर कार्य योजना का माप अंकन करते हुए ऑनलाइन एस्टीमेट तैयार किया जाएगा। ब्लाक स्तर पर परीक्षण के बाद अफसर स्वीकृति देंगे। स्टीमेट तैयार होने से लेकर स्वीकृति मिलने तक समयबद्धता रहेगी। कामकाज भी पारदर्शी तरीके से होगा। प्रशिक्षण में सहायक कार्यक्रम अधिकारी, जेई और तकनीकी सहायक शामिल रहे।
- शासन से मिलेगा पासवर्ड
इस नई व्यवस्था के लिए शासन स्तर से लिपिक और अफसरों को पासवर्ड जारी किया जाएगा, जिससे सॉफ्टवेयर पर तैयार प्राक्कलन प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के लिए भेजा जा सकेगा।