महिलाओं को आर्थिक रूप से बना रहीं मजबूत, दे रही प्रशिक्षण
अनलाक होते ही शिक्षक नीतू ने महिलाओं के लिए शुरू किया गृह उद्योग। चार महीने में 65 से ज्यादा महिलाएं जुड़ीं ई-कामर्स वेबसाइट पर बेचेंगी उत्पाद
जागरण संवाददाता, आगरा: लाकडाउन में हमारा उद्देश्य था कि कोई भी भूखा न सोए। हम दिन में तीन बार भोजन बनाकर वितरित करते थे। राशन भी उपलब्ध करा रहे थे। फिर एक दिन मेरे पास कुछ महिलाएं आईं, बोली कितने दिन खाना दे पाएंगी, खाना नहीं अब काम दिलाइए। उनकी यह बात मुझे झकझोर कर गई। अनलाक होते ही मैंने महिला गृह उद्योग की शुरुआत की। आज मेरे साथ 65 से ज्यादा महिलाएं काम कर रही हैं और आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। यह कहना है पेशे से शिक्षक नीतू सिंह का। उन्होंने अनलाक के बाद महिलाओं के साथ काम शुरू किया और अब वे ई-कामर्स वेबसाइट पर महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को बेचने की कोशिश में लगी हुई हैं।
लाकडाउन में की सेवा
नीतू ने बताया कि वे तीन साल से 100 से ज्यादा गरीब बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दे रही हैं। लाकडाउन में उन्होंने भोजन, राशन, दवाएं बांटीं। महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन भी दिए।
पहले ट्रेनिग, फिर काम
काम शुरू करने से पहले कई गावों का दौरा किया। महिलाओं से बात की। ऐसी महिलाओं को एकत्र किया, जिनके हाथों में हुनर था, पर उन्हें काम शुरू करने का रास्ता नहीं मिल रहा था। इन महिलाओं को प्रोफेशनल ट्रेनिग दिलाई। अब मिढाकुर, दयालबाग, शास्त्रीपुरम, लखनपुर में महिलाएं समूह में काम कर रही हैं। ये महिलाएं मूंग की दाल की पकौड़ी, पूजा के दीपक की बाती, स्वेटर, मास्क, अचार, कान्हा और दुर्गा की पोशाकें आदि तैयार करती हैं। इन महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को कालोनियों में संपर्क कर बेचा जाता है। महिलाओं के बनाए उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए वेबसाइट भी बनाई है। इस समय नीतू ई-कामर्स वेबसाइटों से संपर्क कर इन उत्पादों को उनके माध्यम से बेचने की कोशिशों में लगी हुई हैं। आगरा के साथ ही अलीगढ़, हाथरस, फीरोजाबाद में भी महिलाओं से बात चल रही है, वहां भी जरूरतमंद और हुनरमंद महिलाओं को रोजगार देने के लिए मुहिम शुरू कर रही हैं।