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Make in India: P-7 हैवी ड्रॉप सिस्‍टम का सफल ट्रायल, भारत की इस छलांग पर दुनिया हैरान

Make in India मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में एडीआरडीई आर्मी और एयरफोर्स की टीम ने किया। आइएल-76 से सात टन वजन का जमीन पर आसानी से उतरा प्लेटफॉर्म।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 11:40 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 11:40 AM (IST)
Make in India: P-7 हैवी ड्रॉप सिस्‍टम का सफल ट्रायल, भारत की इस छलांग पर दुनिया हैरान
Make in India: P-7 हैवी ड्रॉप सिस्‍टम का सफल ट्रायल, भारत की इस छलांग पर दुनिया हैरान

आगरा, जागरण संवाददाता। पैराशूट की दुनिया में भारत लंबी छलांग लगाने जा रहा है। आसमान से पैराशूट की मदद से अब सात टन वजन का कोई भी सामान या फिर यूं कहा जाए कि आर्मी के व्हीकल, टैंक या फिर अन्य सैन्य उपकरण को आसानी से जमीन पर उतारा जा सकेगा। चीनी को मुंहतोड़ जवाब देने का प्रयास। स्वदेशी को बढ़ावा और विदेशी मैटेरियल को बॉय-बॉय। यह उपलब्धि हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थापन (एडीआरडीई) हासिल कर रहा है। एडीआरडीई पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम विकसित कर रहा है। बुधवार को मलपुरा स्थित ड्रॉपिंग जोन में इसका सफल ट्रायल किया गया। यह ट्रायल कई मायने में बेहतरीन है।

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एडीआरडीई ने कुछ साल पूर्व हैवी ड्रॉप सिस्टम विकसित किया था। पैराशूट की मदद से पांच टन तक के वजन के सामान को जमीन पर आसानी से उतारा जा सकता है, जबकि अब सात टन वजन के सामान को उतारने के लिए पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम विकसित किया जा रहा है। पैराशूट का निर्माण आर्डीनेस फैक्ट्री द्वारा किया जाएगा। वहीं सात टन के वजन वाले प्लेटफॉर्म का निर्माण एलएंडटी ने किया है। यह ड्रॉप सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी है जो मेक इन इंडिया को आगे बढ़ा रहा है। बुधवार को एयरफोर्स स्टेशन से आइएल-76 से उड़ान भरी। इसमें सात टन वजन का प्लेटफॉर्म था। मलपुरा स्थित ड्रॉपिंग जोन के आसमान पर 600 मीटर की ऊंचाई से विमान से इसे नीचे गिरा दिया गया। तब विमान की रफ्तार 280 किमी प्रति घंटा थी। पांच पैराशूट वाले सिस्टम से प्लेटफॉर्म आसानी से जमीन पर उतर आया। एक के बाद एक दो ट्रायल किए गए। एडीआरडीई, आर्मी और एयरफोर्स के अफसरों की निगरानी में दोनों ट्रायल पूरी तरह से सफल रहे।

यह होगा फायदा

पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम की मदद से दुर्गम स्थलों पर सैन्य वाहनों (सात टन वजन तक के) को वहां उतारा जा सकेगा। इससे दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकेगा।

फैक्‍ट

- पैराशूट के निर्माण में खास मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। प्रमुख रूप से फ्लोरोकार्बन और सिलिकान शामिल है।

- पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम पांच पैराशूट से मिलकर बना है। एक पैराशूट 750 स्क्वायर मीटर के आसपास है। 


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