Encounter of Criminals: आगरा की मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में डकैती के बाद ब्रिटेन जाने की तैयारी में था निर्दोष
Encounter of Criminals मुंबई में मर्चेंट नेवी की ट्रेनिंग लेने के बाद शिप से टूर पर था जाना। दसवीं से लेकर बीएससी तक प्रथम श्रेणी में हुआ था उत्तीर्ण। तीन महीने से घर नहीं गया था स्वजन को थी नोएडा में रहने की जानकारी।
आगरा, जागरण संवाददाता। कमला नगर में मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में डकैती डालकर 19 किलोग्राम सोने के आभूषण लूटने में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया बदमाश निर्दोष ब्रिटेन जाने की तैयारी कर रहा था। बदमाश के स्वजन का दावा है कि निर्दोष काेरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते नहीं जा सका। उसे अगस्त में ब्रिटेन जाने की उम्मीद थी।
फीरोजाबाद के थाना मटसेना के गांव दबरई का रहने वाले निर्दोष ने चेन्नई के सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से फुटवियर डिजाइनिंग में डिप्लोमा किया हुआ था। पिता माता प्रसाद ने बताया कि वह खेती करते हैं। पिता ने बताया निर्दोष पढ़ने में तेज था। हाई स्कूल से लेकर बीएससी तक उसने प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया था। इसके बाद उसने चेन्नई से डिप्लोमा किया। इसके बाद दो साल तक उसने देहरादून और नोएडा में शू कंपनी में काम किया। दो साल पहले वह मुंबई चला गया। वहां पर उसने मर्चेंट नेवी का कोर्स किया। करीब एक साल पहले उसका ब्रिटेन के लिए टूर तय हो गया था। इस साल अप्रैल में वहां जाना था। मगर, काेरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते नहीं जा सका। वह अब अगस्त में ब्रिटेन की जाने की तैयारी कर रहा था।
निर्दोष दो भाइयों में बड़ा था। छोटा भाई एक कंपनी में काम करता है। वह अविवाहिता था।उसकी पांचों बहनों की शादी हो चुकी है।पिता ने बताया कि िनिर्दोष करीब तीन महीने पहले नए घर का गृह प्रवेश की रस्म कराने के बाद चला गया था। इसके बाद से घर नहीं आया था। फोन पर बात करने पर बताता था कि वह नोएडा में एक कंपनी में मार्केटिंग का काम करा रहा है। जब तक वह ब्रिटेन नहीं जाता, कुछ रुपये जोड रहा है। जिससे उसके खर्चे निकलते रहेंगे। परिवार को उसके डकैती डालकर भागने के दौरान पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की जानकारी शनिवार की रात साढ़े नौ बजे हुई। ग्राम प्रधान देवेंद्र ने बताया कि रात को पुलिस ने उनसे संपर्क किया। निर्दोष के बारे में जानकारी करने के बाद उसके घर पहुंची। पुलिस वहां पर दो घंटे तक रही, परिवार और गांव के लोगों से निर्दोष के बारे में जानकारी करती रही।
पिता माता प्रसाद का कहना था कि बेटा किस तरह से डकैती डालने वाले गैंग में शामिल हो गया। उन्हें नहीं मालूम, बेटे की करतूत से वह और परिवार के लोग भी सदमे में हैं। क्योंकि गांव में आज तक उसका किसी से कोई झगड़ा तक नहीं हुआ था।
बेटे के पढ़ाने में बिक गया मकान और दुकानें
पिता माता प्रसाद ने बताया कि बेटा पढाई में तेज था। उसने दसवीं में 70 फीसद, इंटर में 74 और बीएससी में 62 फीसद अंक मिले थे। वह बड़ा आदमी बनना चाहता था। उसकी पढ़ाई में अपना घर और तीन दुकानें बेच दीं। इससे अपना कर्जा चुकाने के साथ ही बेटियां की शादी कर चुके हैं।