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मेहनत की रोशनी से बिखेरा आंगन में खुशियों का उजाला, विदेशों तक बिखरी महक

स्वरोजगार से महिलाओं ने खोले घर की तरक्की के दरवाजे। नगला केसरी की महिलाओं ने पेश की मिसाल।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 12:59 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 01:15 PM (IST)
मेहनत की रोशनी से बिखेरा आंगन में खुशियों का उजाला, विदेशों तक बिखरी महक
मेहनत की रोशनी से बिखेरा आंगन में खुशियों का उजाला, विदेशों तक बिखरी महक

आगरा, जागरण संवाददाता। किसी के पति मजदूर हैं तो किसी के किसान, कोई प्राइवेट नौकरी करता है तो कोई ड्राइवर। परिवार के भरण-पोषण में दिक्कत देख घर की महिलाओं ने स्वरोजगार की शुरुआत की। थोड़ी सी मुश्किलों से जूझते हुए आगे बढ़ती रहीं। और, अब मेहनत की रोशनी से घर के आंगन में तरक्की का उजाला कर रही हैं। इतना ही नहीं इन मेहनतकश महिलाओं की कामयाबी की इबारत दूसरों को भी रिझा रही है और यह क्रांति दूसरे गांवों तक पहुंच रही है।

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सैंया ब्लॉक नगला केसरी की 11 महिलाएं सफलता की पगडंडी पर ऐसे ही नहीं चल पड़ीं। गांव की पिंटू ने माहेराज ग्लोबल व नाबार्ड के सहयोग से स्वरोजगार करने की बात सुनी थी। उन्होंने माहेराज ग्लोबल की अध्यक्ष राज अग्र्रवाल से संपर्क किया। राह मिली तो पिंटू ने एक वर्ष पहले माहेराज प्रगति स्वयंसहायता समूह बनाया। गांव की सीमा, रूपा, बीनू, उर्मिला, ममता, मुन्नी, राजकुमारी और एलेश आदि 11 महिलाओं को जोड़ा। किसी के पति ड्राइवर हैं, तो कोई मजदूरी करता है। जब पिंटू ने इन्हें स्वरोजगार की बात बताई, तो परिवार में पुरुषों ने विरोध किया। महिलाएं एक बार तो फैसले से डिगीं, लेकिन फिर हिम्मत जुटाई। विरोध का सामना किया। डटकर खड़ीं हुईं, तो विरोध के स्वर भी मंद पड़ गए।

बस फिर क्या था, माहेराज ग्लोबल के सहयोग से दाल की मंगौड़ी, चिप्स, मसाले की पैकिंग करनी शुरू कर दी। वह तैयार माल सीधे संस्था को भेजतीं और उसके बदले उन्हें पैसे मिलते। पिंटू बताती हैं कि पहली बार समूह की महिलाओं ने करीब तीन-तीन हजार रुपये कमाकर परिवार को दिए, तो परिवार ने भी सहमति दे दी। फिर क्या था, उत्साह दूना हो गया।

जुड़ रहीं दूसरे गांवों की भी महिलाएं

सीमा बताती हैं कि उनके पति खेती करते हैं। महंगाई में परिवार की गाड़ी चलाने में खुशी होती थी। बीनू, उर्मिला और राजकुमारी कहती हैं कि करीब तीन हजार रुपये कमा लेती हैं, तो खुद को भी संतोष होता है। अब तो वह दूसरे गांव की महिलाओं को भी समूह के लिए प्रेरित करती हैं।

विदेशी भी बोले, वाह

माहेराज ग्लोबल संस्था की अध्यक्ष राज अग्र्रवाल कहती हैं कि नगला केसरी की महिलाओं ने मिसाल पेश की है। बीते दिनों आगरा में हुए कार्यक्रम में विदेशी प्रतिनिधियों के सामने भी इन महिलाओं ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया था।  


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