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Nirbhaya Case In Agra दोषी पिता के लिए फांसी का फंदा तैयार, तीन वर्ष पहले दुष्‍कर्म के बाद कत्‍ल कर दी थी बेटी

एत्मादपुर क्षेत्र तीन वर्ष पहले हुई थी घटना गुनाह छिपाने को पिता ने मार दी थी बेटी। निचली अदालत सुना चुकी है फांसी की सजा हाईकोर्ट में लंबित है याचिका।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 03:58 PM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 08:33 PM (IST)
Nirbhaya Case In Agra दोषी पिता के लिए फांसी का फंदा तैयार, तीन वर्ष पहले दुष्‍कर्म के बाद कत्‍ल कर दी थी बेटी
Nirbhaya Case In Agra दोषी पिता के लिए फांसी का फंदा तैयार, तीन वर्ष पहले दुष्‍कर्म के बाद कत्‍ल कर दी थी बेटी

आगरा, जागरण संवाददाता। निर्भया के चारों हत्यारों को शुक्रवार तड़के तिहाड़ में जल्लाद ने फांसी के फंदे पर लटका कर सात साल तीन महीने बाद इंसाफ दे दिया। आगरा में भी दुष्कर्मी हत्यारे पिता के लिए फांसी के फंदे तक पहुंचाने की पहली सीढ़ी तैयार हो चुकी है। निचली अदालत मासूम बेटी से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने वाले पिता को पिछले वर्ष फांसी की सजा सुना चुकी है। आरोपित की हाईकोर्ट में याचिका लंबित है।

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एत्मादपुर क्षेत्र में 24 नवंबर 2017 की रात को सात वर्ष की मासूम को अगवा किया गया। दुष्कर्म के बाद हत्या करके लाश को पास ही बनेे सरकारी स्कूल के परिसर में फेंक दिया। पुलिस ने दुष्कर्म और हत्याकांड का पर्दाफाश किया तो हत्यारा कोई और नहीं मासूम का पिता निकला। उसने नशे में बेटी के साथ दुष्कर्म किया। अपना गुनाह छिपाने के लिए उसकी हत्या कर दी।

अपराधी कितना भी चालक क्यों न हो, वह कोई न कोई सबूत अपने पीछे जरूर छोड़ जाता है। पुलिस को सुराग मासूम के भाई से मिला था। उसने पुलिस से पिता पर ही शक जताया था।

पुलिस ने दुष्कर्मी हत्याारोपित पिता को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। पुलिस ने मासूम बच्ची के हत्यारे पिता के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई चली। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट वीके जायसवाल ने पिछले वर्ष सितंबर में दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपित पिता को फांसी की सजा सुनाई। आरोपित इस समय सेंट्रल जेल आगरा में निरुद्ध है। उसने फांसी की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की है। हाईकोर्ट भी यदि आरोपित की फांसी की सजा को बरकरार रखता है तो वह सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत करेगा। वहां से भी सजा बरकरार रहने पर राष्ट्रपति के यहां के दया याचिका प्रस्तुत कर सकता है।

सेंट्रल जेल में निरुद्ध हैं फांसी की सजा पाए छह बंदी

सेंट्रल जेल में इस समय फांसी की सजा पाए हत्यारोपित निरुद्ध हैं। इसमें बेटी से दुष्‍कर्म और हत्या का आरोपित पिता भी शामिल है। इसके अलावा दूसरा आरोपित आगरा के ही थाना अछनेरा के गांव तुरकिया का गंभीर सिंह है,जिसे फांसी की सजा सुनाई गई है। उसने अपने परिवार के लोगों की हत्या कर दी थी। हाईकोर्ट से भी फांसी की सजा बरकरार रहने के बाद उसने सुप्रीम कोर्र्ट में याचिका प्रस्तुत की है। इसके अलावा चार आरोपित जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है, वह सभी बुलंदशहर के रहने वाले हैं। इनमें से तीन ने फांसी की सजा के विरुद्ध याचिका सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की है। जबकि एक ने राष्ट्रपति के यहां फांसी की सजा माफ करने के लिए दया याचिका प्रस्तुत की है।

दुराचारी हत्यारे बंटू की फांसी बदली उम्र कैद में

ताजनगरी में मासूम से दुष्कर्म का पहला मामला करीब 15 वर्ष पूर्व सामने आया था। बसई इलाके के रहने वाले बंटू देवी जागरण में आयी सात वर्ष की मासूम को बहाने से अपने साथ ले जाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद पकड़े जाने के डर से उसकी नृशंस तरीके से हत्या कर दी थी। मासूम की तलाश में जुटे बस्ती के लोगों ने उसे मौके से दबोचने के बाद पुलिस को सौंपा था। आरोपित को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा। मासूम की हत्या ने पूरे शहर को हिला दिया था। बस्ती के लोगों ने आरोपित के परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया।


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