तारणहार की बड़हार में स्वर्णिम थाल में परोसे गए छप्पन पकवान
जनकपुरी में आज होगी माता सीता की विदाई। राम जानकी विवाह के बाद रविवार को हुई बड़हार की दावत।
आगरा [जेएनएन]: दिव्य नजारा और मंगल गीतों की गूंज। तारणहार के जयघोष और अलौकिक, अद्भुत दृश्य। भोज के पकवान यूं तो थे वो ही चिरपरिचित लेकिन भोज जब बन गया प्रसाद तो भोज प्रसाद बन गया दिव्य। जगत के पालनहार जब सामने बैठ ग्रहण करें आहार तो कैसे न गूंजे हर ओर जय जयकार। सोने के थाल में विविध पकवान। हर बराती का स्वागत, हर अतिथि का सत्कार। दिव्य विवाह का दिव्य नजारा। रविवार को जनकपुरी में वैदेही के विवाह के बाद बड़हार की दावत की रीत निभाई गई। राजा जनक दीपक गोयल के निवास पर सजे पंडाल की रौनक बखानी नहीं जाती।
सुगंध और उत्साह से स्वागत हर अतिथि का। द्वार पर जब श्रीराम- सीता और सभी भाइयों के स्वरूप पहुंचे तो मिथिला नगरी की हर नारी बलइयां लेने लगी। राजा जनक ने रानी सुनैना ममता गोयल एवं अन्य परिजनों ने आरती उतारी। इसके बाद सत्कार सहित सभी का प्रवेश करवाया गया। भगवान के स्वरूपों को मिथिलावासियों ने नेक देकर शुभा आशीष दिया। एक ओर भक्तिमय भजन तो दूसरी ओर महिलाएं गा रही थीं बड़हार के गीत। संगीत की स्वर लहरी वातावरण को और अधिक पवित्र बना रही थी। स्वर्णिम थाल में विविध पकवान फिर परोसे गए।
स्वर्णिम थाल में ये थे विविध पकवान
भगवान के स्वरूपों को स्वर्णिम थाल में विविध पकवान परोसे गए थे। शाही पनीर, मटर पनीर, आलू मटर, दाल बाटी, छोले, पुलाव, पूड़ी, स्टफ नान, तवा रोटी, सोडा, रायता के साथ मिष्ठान में मेवा बाटी, घेवर, इमरती, पान मिठाई आदि व्यंजन परोसे गए।
संध्या बेला में जनकपुरी से उठेगा जानकी का डोला
तीन दिनों से दुल्हन की भांति सजी धजी जनकपुरी आज शाम उदास हो जाएगी। वैदेही की विदाई की घड़ी अब से कुछ ही देर में आने को है। शाम को राधा कृष्ण मंदिर से श्री राम- जानकी की शोभायात्रा निकलेगी। जनकपुरी का भ्रमण करते हुए शोभायात्रा जनक महल पहुंचेगी। यहां भक्तों को दर्शन देने के बाद रात में वैदेही की विदाई होगी।