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ताजमहल के पास जिंदगियों पर बंदिशों का पहरा, अफसरों ने प्रचार को नियमों कर दिया कब्र में दफन

ताजमहल के पार्श्‍व में व्‍यू प्‍वाइंट पर हुए म्‍यूजिकल कंसर्ट का मामला गरमा रहा है। ताजगंज इलाके में रहने वाले लोगों को अपने घर तक पहुंचने के लिए पास लेने का आदेश किया गया जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्‍लंघन कर हुए कार्यक्रम पर चुप्‍पी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 03:26 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 03:26 PM (IST)
ताजमहल के पीछे कराए गए म्‍यूजिकल कंसर्ट का मामला गरमाता जा रहा है।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के पालन के नाम पर अफसर मनमर्जी पर उतारू हैं। जिंदगियों पर बंदिशों का पहरा थोपा जा रहा है तो प्रचार-प्रसार को नियमों की कब्र बना दी जा रही है। एक ओर ताज व्यू प्वाइंट पर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश का उल्लंघन कर कंसर्ट का आयोजन किया गया, दूसरी ओर ताजगंज में क्षेत्रीय नागरिकों को वाहन पास जारी करने को पार्किंग की शर्त जबरन थोपी जा रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में वाहन के लिए पार्किंग होने का कोई उल्लेख ही नहीं है।

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सुप्रीम कोर्ट के 24 मार्च, 1998 के आदेश के अनुसार ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता है। कार्यक्रम के आयोजन के लिए पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का पहले अध्ययन और संबंधित विभागों की अनुमति लेना अनिवार्य है। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने बुधवार शाम मेहताब बाग स्थित ताज व्यू प्वाइंट पर "इंक्रेडिबल ताज कंसर्ट्स' का आयोजन कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन व अवमानना की। अफसर अपनी मनमर्जी से सुप्रीम कोर्ट के आदेशाें का पालन करा रहे हैं। ताजगंज थाना में 13 सितंबर को पुलिस-प्रशासन द्वारा की गई बैठक में ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में क्षेत्रीय नागरिकों के लिए वाहन पास की व्यवस्था पर भी मंथन किया गया था। बैठक में निर्देश दिए गए थे कि अगर चार पहिया वाहन स्वामी के पास वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं हो तो उसके पास के आवेदन को अग्रसारित नहीं किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्रीय नागरिकों की सुविधा को वाहन पास जारी से संबंधित आदेश में पार्किंग होने पर ही वाहन पास जारी करने का कोई जिक्र नहीं है। इससे अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट में उठ सकता है मामला

पर्यावरणविद् व अधिवक्ता एमसी मेहता तक एडीए द्वारा ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में ताज व्यू प्वाइंट पर नियमविरुद्ध कंसर्ट के आयोजन का मामला पहुंच गया है। उनसे जुड़े स्थानीय लोगों ने उन्हें कार्यक्रम के फोटोग्राफ व वीडियो और अधिकारी की बाइट के वीडियो भेजे हैं। वो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठा सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया था कमिश्नर को

सुप्रीम कोर्ट ने 22 मार्च, 2018 को एमसी मेहता की याचिका पर टीटीजेड में यथा स्थिति का आदेश किया था। तत्कालीन कमिश्नर के. राममोहन राव ने टीटीजेड में औद्योगिक इकाइयों के विस्तार पर रोक के बावजूद फीरोजाबाद की आधा दर्जन इकाइयों को विस्तार की अनुमति प्रदान कर दी थी। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई, 2018 को तलब कर लिया था। इसके बाद कमिश्नर ने बैकफुट पर आते हुए कांच इकाइयों को विस्तार के लिए जारी अनुमति को रद कर दिया था।

एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने यह स्वीकार किया है कि उन्हें 500 मीटर के अंदर कार्यक्रम के आयोजन पर लागू प्रतिबंध की जानकारी नहीं थी। एक तरफ अफसर यहां लागू नियमों से अनभिज्ञ हैं और दूसरी ओर क्षेत्रीय नागरिकों पर नई-नई पाबंदियां थोपी जा रही हैं।

-अश्वनी वशिष्ठ, पूर्व महानगर महामंत्री भाजपा व क्षेत्रीय निवासी

क्षेत्रीय नागरिकों को नई गाड़ियों के लिए वाहन पास जारी नहीं किए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहीं भी यह जिक्र नहीं है कि पार्किंग होने पर ही वाहन पास जारी किया जाए। गाड़ी की खरीद में ही पार्किंग की शर्त को शामिल करा दें, जिससे सभी के लिए एक नियम हो।

-नितिन सिंह, गाइड व क्षेत्रीय निवासी


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