Save Ponds of Agra: खतरे में आगरा का नेहरू नगर तालाब, आओ मिलकर बचाएं
Save Ponds of Agra तालाब के किनारे फेंका जा रहा है मलबा और कूड़ा तालाब में सिल्ट भरने से अधिक जमा नहीं हो पाता है पानी। नगर निगम क्षेत्र में हैं 44 तालाब शिकायतों से खुली पोल। तालाब के ठीक सामने पुलिस चौकी है।
आगरा, जागरण संवाददाता। नेहरू नगर तालाब पर भू माफिया की निगाह है। तालाब के अस्तित्व को धीरे-धीरे खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। जैसे ही तालाब का पानी सूख जाएगा। फर्जी दस्तावेजों की मदद से जमीन को किसी के नाम कराकर उस पर कब्जा हो जाएगा। फिलहाल तालाब पर कब्जे के लिए मलबा फेंका जा रहा है। यह कार्य कई सप्ताह से चल रहा है। यहां तक तालाब के किनारे कूड़ा फेंका जा रहा है।
नेहरू नगर तालाब नगर निगम के आंकड़ों में दर्ज है। यह तालाब वर्ष 1911 में दर्ज हुआ था। तालाब के ठीक सामने पुलिस चौकी है और तीन ओर से जज कंपाउंड की बाउंड्रीवाल लेकिन इसके बाद भी भू माफिया की तालाब पर निगाह है। लंबे समय से तालाब की खोदाई नहीं कराई गई है। सिल्ट जमा होने से बारिश का पानी कम एकत्रित हो पाता है। निगम के दस्तावेजों की मानें तो इस तालाब में सिकंदरा रजवाहा से पानी आता था। इससे तालाब में कभी भी पानी की कमी नहीं होती थी। न ही यह सूखता था। निगम क्षेत्र में 44 तालाब हैं। तालाब पर कब्जे की शिकायतें नगर निगम और प्रशासन के अफसरों से की गई हैं।
नेहरू नगर तालाब पर कब्जे की शिकायत मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी। मलबा किसने फेंका है, यह पता लगाने का प्रयास होगा। तालाब पर कोई भी कब्जा नहीं होने दिया जाएगा।
निखिल टीकाराम, नगरायुक्त