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आगरा की बिटिया ललिता का SGPGI लखनऊ में होगा नि:शुल्‍क इलाज Agra News

एप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित ललिता की हालत और बिगड़ी। एंकुलेंस से भेजा जा रहा लखनऊ।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 01:21 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 01:21 PM (IST)
आगरा की बिटिया ललिता का SGPGI लखनऊ में होगा नि:शुल्‍क इलाज Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। एप्लास्टिक एनीमिया से जंग लड़ रही बिटिया का एसजीपीजीआइ लखनऊ  में निश्शुल्क बोन मेरो ट्रांसप्लांट होगा। सोमवार सुबह ​ललिता को उसके पिता सुमेर सिंह कलक्ट्रेट लेकर पहुंचे। यहां उसे उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। एसएन के प्राचार्य डॉ जीके अनेजा ने एसजीपीजीआइ लखनऊ प्रशासन से बात की, वहां ललिता के निश्शुल्क इलाज की व्यवस्था कराई गई है, एक बेड भी बुक करा दिया गया है। एसएन से परिजन ललिता को लेकर सीएमओ कार्यालय पहुंच गए। सीएमओ डॉ मुकेश वत्स ने बताया कि  ललिता को परिजनों के साथ एंबुलेंस से लखनऊ भेजा जा रहा है। पूरा इलाज निश्शुल्क होगा।

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सोमवार को ललिता की हालत और बिगड़ने पर उसके परिजन जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार और सीएमओ डॉ मुकेश वर्मा से मिले। दोनों अधिकारियों ने लखनऊ एसजीपीजीआइ में ललिता के इलाज का आश्‍वासन दिया। इस बाबत सीएमओ का कहना है कि ललिता के इलाज में किसी तरह की देरी या लापरवाही बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी।

बता दें क‍ि आगरा के जलेसर रोड स्थित पुरालोधी गांव के रहने वाला यह परिवार इन दिनों अपने एक रिश्तेदार के गोकुलपुरा स्थित घर पर रह रहा है। उन्हें हर हफ्ते बेटी ललिता के लिए खून का इंतजाम करना पड़ता है। ललिता के पिता सुमेर सिंह ने बताया कि हर महीने उन्हें छह यूनिट ब्लड की व्यवस्था करनी पड़ती है। ललिता की हालत बीते दो महीनों से और खराब होती जा रही है। सुमेर ने बताया कि बेटी के इलाज के लिए उन्होंने अपनी जमीन बेच दी। घर गिरवी रख दिया। अभी ललिता का इलाज अब तक सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज, जयपुर में चल रहा था। 

ललिता को अप्लास्टिक एनीमिया है। यह गंभीर बीमारी मानी जाती है। इस बीमारी में शरीर में नए ब्लड सेल बनना बंद हो जाते हैं, साथ ही बोन मेरो नष्ट होना शुरू हो जाता है। बेटी के इलाज के लिए सुमेर ने हर प्रयास किया। इलाज में सात लाख रुपये खर्च हो गए। वह ठीक नहीं हुई। इलाज के खातिर सुमेर ने जमीन बेच दी और घर को गिरवी रख दिया। परिजनों ने ललिता को जयपुर स्थित सवाई मान सिंह अस्पताल में दिखाया। जहां के डॉक्टरों ने दस लाख रुपये का खर्च बताया जिसमें बोन मेरो ट्रांसप्लांट किया जाएगा। सुमेर सिंह ने बताया कि बेटी का इलाज कराने या फिर पूरे परिवार को इच्छा मृत्यु की अनुमति देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।  

Disclaimer-इससे पहले की प्रकाशित खबर में उत्तर प्रदेश निवासी सुमेर सिंह की बेटी ललिता के इलाज के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से तीस लाख रुपये मिलने का जिक्र किया गया था। यह आंकड़ा न्यूज एजेंसी एएनआई/ANI के हवाले से आया था, जो गलत साबित हुआ, जिसे देखते हुए हम अपनी स्टोरी में संशोधन कर चुके हैं। 25 जून को अखबार में छपी हमारी खबर के मुताबिक, प्रभावित परिवार को अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय से मात्र 3 लाख रुपये ही मिले है, जिसे अस्पताल के खाते में ट्रांसफर किया गया। 

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