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'छींटें' पाने को हर खास-ओ-आम दिखा बेताब, होगी मुराद पूरी

अबुल उल्लाह दरगाह के उर्स पर जुटी जायरीन की भीड़, कुरान पाठ के बाद हुई गुलाब जल की वर्षा

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 06:30 AM (IST)
'छींटें' पाने को हर खास-ओ-आम दिखा बेताब, होगी मुराद पूरी

आगरा (जेएनएन): न्यू आगरा स्थित अबुल उल्लाह दरगाह शनिवार को गुलाब जल और इत्र की खुशबू से महक उठी। मौका था कुल शरीफ की रस्म अदायगी का। शुरुआत कुरान शरीफ के पाठ से हुई। इसके बाद देशभर से आए जायरीन ने जियारत कर कुल शरीफ की रस्म अदा की। दरगाह-ए-शरीफ पर चारदपोशी भी हुई।

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कुल शरीफ की रस्म सज्जादानशीं हजरत अलहाज सैय्यद इनायत अली अब्बुल उलाई ने अपने परिवार के साथ अदा की। सबसे पहले कुरान शरीफ का पाठ हुआ। इसके बाद गुलाब जल की वर्षा की गई। इसकी छींटें पाने को हर खास-ओ-आम बेताब दिखा। मान्यता है कि कुल का छींट पड़ने से मुराद पूरी हो जाती है।

गूंजती रही कव्वाली

एक तरफ कुल शरीफ की रस्म अदायगी तो दूसरी तरफ देशभर से आए कव्वाल उनके सजदे में कव्वाली पेश कर रहे थे। सुबह नौ बजे से शाम 4:30 बजे तक यह सिलसिला चलता रहा।

चादरपोशी कर मांगी दुआ

उर्स में शामिल हुए अकीदतमंदों, रिश्तेदारों के साथ सज्जादानशीं ने चादरपोशी कर आपसी भाईचारा व शांति की दुआ की। बहरामपुर, गाजियाबाद, हैदराबाद, पटना दानापुर, भसोड़ी शरीफ, लखनऊ आदि जगह से आए जायरीन ने भी चादरपोशी की। सैय्यद मोहतशिम अली, सैय्यद विरासत अली, सैय्यद अशाअत अली, सैय्यद कैफ अली, हैदराबाद के सैय्यद जाकिर अली दानिश, सैय्यद इकबाल अली, सैय्यद अरीब अली, सैय्यद शहाब अली, सलमान मजहर, सैय्यद अजहर अली, मीडिया प्रभारी मो. आमिल आदि मौजूद रहे।

उर्स का समापन आज

रविवार को पांच दिवसीय उर्स का समापन होगा। महफिल ए शमा का आयोजन किया जाएगा। साथ ही जायरीन को चादरों का वितरण किया जाएगा।

चादर जुलूस में जुटे अकीदतमंद

आगरा: हजरत सैयदना सरकार अबुल उल्लाह के 379वें उर्स पर टीला पाय चौकी, बेगम ड्योढ़ी से चादर जुलूस निकाला गया। इसमें सैकड़ों अकीदतमंदों के साथ घोड़े, ऊंट व विभिन्न इस्लामिक झांकियां शामिल हुईं। जुलूस पाय चौकी, तिलक बाजार, सेब का बाजार, फव्वारा, हॉस्पीटल रोड, गुड़ की मंडी, फुलंट्टी बाजार, घटिया आजम खां, मोतीलाल नेहरू रोड, सुल्तानगंज पुलिया होता हुआ दरगाह-ए-शरीफ पहुंचा। इसके बाद सभी ने चादरपोशी की। इस बुंदन मियां, समी अगाई, इरफान अहमद समील, हाजी मो. शब्बीर, शाहिद बुंदन, जाहिद, मुवीन, जावेद, मोहसिन, मो. निजाम आदि मौजूद रहे।


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