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पृथ्वी ने बचपन में पाला था उल्लू, जानिए क्या थी जांबाज विंग कमांडर के रिटायरमेंट के बाद की प्लानिंग

एनडीए में साथ रहे दोस्त ने साझा की यादें। रिटायरमेंट के बाद खोलना चाहते थे एकेडमी। हर जानवर को प्यार करना उनकी आदत थी। शनिवार दोपहर ताजगंज के मोक्षधाम में बेटे ने दी शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान को मुखाग्नि।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 11 Dec 2021 05:25 PM (IST)Updated: Sat, 11 Dec 2021 05:25 PM (IST)
पृथ्वी ने बचपन में पाला था उल्लू, जानिए क्या थी जांबाज विंग कमांडर के रिटायरमेंट के बाद की प्लानिंग
शहीद पृथ्वी सिंह चौहान रिटायरमेंट के बाद खोलना चाहते थे एकेडमी।

आगरा, जागरण संवाददाता। तमिलनाडु के कुन्नूर में सीडीएस के साथ हेलिकाप्टर क्रैश में मारे गए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान को जानवरों से बेहद लगाव था। जब वो रीवा में पढ़ रहे थे तो उन्होंने उल्लू भी पाला था। उनके दोस्त उनकी जिंदादिली को याद करते हुए भावुक हो रहे हैं।

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एनडीए में पृथ्वी सिंह के साथी रहे आगरा के कर्नल वैभव फौजदार ने बताया कि एकेडमी के तीन साल के दौरान उनकी पृथ्वी सिंह से अच्छी दोस्ती रही। उन्होंने बताया कि दोनों आगरा के थे, इसलिए खूब छनती थी।आगरा की बेढ़ई-कचौड़ी और जलेबी को अक्सर याद करते थे। बुधवार शाम को जब हेलिकाप्टर क्रैश में उनके नाम देखा तो पहले तो यकीन नहीं हुआ। दूसरे साथियों से जानकारी की, तब पुष्टि हुई। उनके एक अन्य दोस्त ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 1991 में वो और पृथ्वी सिंह चौहान रीवा के सैनिक स्कूल में मिले थे। वो अयोध्या से थे और पृथ्वी सिंह आगरा से थे। दोनों क्लास 6-ए में थे। उन्होंने 12 वीं तक साथ पढ़ाई की। इसके बाद वो एनडीए में भी साथ रहे। पृथ्वी को चुनौतियों का सामना करना बहुत पसंद था। उन्हें स्कूल के दिनों से ही जानवरों और फोटोग्राफी का बहुत शौक था। कुत्तों और बिल्लियों को खाना खिलाना, हर जानवर को प्यार करना उनकी आदत थी। उन्होंने एक उल्लू भी पाला था, जिसे वो हमेशा अपने साथ रखते थे। जब वो 11वीं कक्षा में थे, तब मिग 29 को देखकर उन्होंने पायलट बनने का फैसला लिया था। पृथ्वी सिंह रिटायरमेंट के बाद एकेडमी खोलना चाहते थे। वो नई पीढ़ी को इंडियन एयरफोर्स के लिए तैयार करना चाहते थे। एकेडमी के लिए वो चार प्लेन खरीदना चाहते थे। एकेडमी रीवा या अयोध्या में खोलने की योजना थी। 


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