Move to Jagran APP

Holi 2020: होलिका पूजन में रखें इन बातों का रखें ध्‍यान, मिलेगी हर वायरस से मुक्ति

सोमवार को है होलिका दहन। ज्‍योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा ने बताई पूजन सामग्री और विधि।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 04:17 PM (IST)
Holi 2020: होलिका पूजन में रखें इन बातों का रखें ध्‍यान, मिलेगी हर वायरस से मुक्ति
Holi 2020: होलिका पूजन में रखें इन बातों का रखें ध्‍यान, मिलेगी हर वायरस से मुक्ति

आगरा, जागरण संवाददाता। सोमवार को होलिका दहन है। फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा को माता होलिका अपने भतीजे भक्‍त प्रहलाद को गोद में लेकर जब अग्नि में बैठेंगी तो प्रज्‍जवलित अग्नि बुराइयों को नष्‍ट करने के साथ ईश भक्ति का सूर्य उदय करेगी। ज्‍योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा के अनुसार फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा की रात को होने वाला होलिका दहन जितना महत्‍वपूर्ण है उतनी ही विशेष है इस दिन सुबह होने वाली होलिका की पूजा।

loksabha election banner

डॉ शोनू बताती हैं कि होलिका दहन करने से पहले होली की पूजा की जाती है। जिसके लिए विभिन्न सामग्रियों को पहले से ही एकत्रित कर लेना चाहिए। कहा जाता है कि होलिका दहन की अग्नि में मनुष्य को अपनी बुरी आदतों की आहुति दे देनी चाहिए। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इसके अगले दिन खेली जाती है रंग वाली होली।

होली पूजन की विधि

पूजा करने वाले व्यक्ति को होलिका के पास जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए। एक लोटा जल, माला, रोली, चावल, गंध, फूल, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल आदि। इसके अलावा नई फसल के धान्यों जैसे पके चने की बालियां व गेहूं की बालियां भी सामग्री के रूप में रखी जाती हैं।

इसके बाद होलिका के पास गोबर से बनी ढाल तथा खिलौने को रखा जाता है। जल, मौली, फूल, गुलाल व खिलौनों की चार मालाएं अलग से घर में लाकर सुरक्षित रख ली जाती हैं। इनमें एक माला पितरों के नाम की, दूसरी हनुमानजी के नाम की, तीसरी शीतलामाता के नाम की तथा चौथी अपने घर परिवार के नाम की होती है। इसके बाद कच्चे सूत लें उसे होलिका के चारों तरफ तीन या 7 परिक्रमा करते हुए लपेटे। लोटे में भरे हुए शुद्ध जल व अन्य सभी सामग्रियों को एक एक करते हुए होलिका को समर्पित करें।

इसके बाद गंध पुष्प का प्रयोग करते हुए पंचोपचार विधि से होलिका का पूजन करें। पूजन के बाद जल से अर्घ्य दें।

होलिका दहन के बाद उसकी अग्नि में कच्चे आम, नारियल, भुट्टे, चीनी के खिलौने, नई फसल के कुछ भाग की आहुति दी जाती है। इसी के साथ गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर भी जरूर अर्पित करें।

वायरस से बचने को होलिका में डालें हवन सामग्री

होलिका दहन में प्रत्येक परिवार से आधा किलो हवन सामग्री के साथ 50 ग्राम कपूर और 10 ग्राम सफेद इलायची मिलाकर होलिका में अवश्य डालें, जिससे प्रदूषित वातावरण शुद्ध होगा, कोरोना जैसे वायरस भी नष्ट हो सकेंगे। इसके बाद प्रतिदिन सुबह गाय के गोबर से बने कंडे को जला कर अपने इष्ट का 21 बार नाम लेकर आहुति देकर हवन अवश्य करें। ऐसा करने से कोरोना जैसे वायरस से बचाओ हो सकेगा।

होलिका दहन के बाद करें ये

डॉ शोनू के अनुसार होलिका दहन की भस्म घर में लाकर रख लेनी चाहिए। फिर अगले दिन यानी रंग वाली होली पर सुबह जल्दी उठकर पितरों के लिए तर्पण पूजन करना चाहिए। साथ ही सभी दोषों से मुक्ति पाने के लिए होलिका की विभूति की वंदना कर उसे अपने शरीर पर लगा लेना चाहिए।

राशियों के अनुसार होलिका में डालें आहुति

- मेष और वृश्चिक राशि के जातक गुड़ की आहुति दें।

- वृष राशि वाले जातक होलिका में चीनी की आहुति दें।

- मिथुन और कन्या राशि के जातक कपूर की आहुति दें।

- कर्क राशि के जातक लोबान की आहुति दें।

- सिंह राशि के लोग गुड़ की तुला राशि वाले कपूर की

- धनु और मीन राशि के लोग जौ और चने की

- मकर व कुंभ वाले तिल की होलिका दहन में आहुति दें।

विशेष- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

शाम 6:41 बजे से रात्रि 8:49 बजे तक 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.