Agra School Reopen:मानकों का अनिवार्य रूप से पालन करें स्कूल, जानिए क्या दिए गए हैं निर्देश
Agra School Reopenफतेहाबाद स्थित जनता इंटर कालेज में मंडल स्तरीय वेमीनार (वेब-सेमीनार) का आयोजन किया। इसमें मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल ने मंडल के प्रधानाचार्यों को स्कूल खुलने से पहले मानक व तैयारियां पूरा करने के निर्देश दिए।
आगरा, जागरण संवाददाता। 19 अक्टूबर से स्कूल खुलने की शुरूआत होगी। ऐसे में स्कूलों में किन-किन नियमों मानकों का पालन होगा, विद्यार्थियों को व्यवस्था से कैसे रूबरू कराया जाएगा, इसकी जानकारी देने के उद्देश्य से फतेहाबाद स्थित जनता इंटर कालेज में मंडल स्तरीय वेमीनार (वेब-सेमीनार) का आयोजन किया। इसमें मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल ने मंडल के प्रधानाचार्यों को स्कूल खुलने से पहले मानक व तैयारियां पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कोविड-19 संक्रमण से बचाव की तैयारी व स्कूल खोलने के लिए जन चेतना अभियान की शुरुआत भी कार्यशाला के माध्यम से कराई। उनका कहना था कि शासन ने 19 अक्टूबर से सशर्त स्कूल खोलने की अनुमति दी है कि अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य होगी। पहले उन विद्यार्थियों को प्रेरित करें, जिनके पास आनलाइन शिक्षण के साधन व टीवी का अभाव है। स्कूल में शारीरिक दूरी के पालन के लिए योजना बनाकर दो पालियों में स्कूल खोले जाएं। इंटर कालेज प्रधानाचार्य डा. शिव कुमार सिंह ने कहा कि इस कार्यशाला से स्कूल खोलने को लेकर उठ रहे कई सवालों के जवाब मिल गए हैं। इसमें आसपास के करीब दर्जनभर स्कूलों के प्रधानाचार्य शामिल हुए, जबकि मंडल के स्कूलों के प्रधानाचार्य कार्यशाला में आनलाइन जुड़े। इस दौरान डॉ. यतेंद्र पाल सिंह, सोमदेव सारस्वत, प्रेमप्यारी भारतीय, रामनाथ तिवारी, रूपेश कुमार, सुनील मुदग्ल, देवेश यादव, मनोज गुप्ता, बीना खंडेलवाल, सिंधु यादव, उमा यादव आदि मौजूद रहे।
परखी व्यवस्थाएं
इससे पहले संयुक्त शिक्षा निदेशक ने कलाल खेरिया स्थित वीरांगना अवंतीबाई राजकीय बालिका इंटर कालेज का निरीक्षण किया। कक्षा नौ से 12वीं तक स्कूल खोलने की तैयारियों को लेकर एक गोष्ठी भी की।
यह दिए निर्देश
- स्कूल खोलने से पहले अभिभावकों की अनुमति अवश्य लें।
- कक्षा नौ से 12वीं तक के विद्यार्थियों को भौतिक व आनलाइन, दोनों माध्यमों से पढ़ाएं।
- अभिभावकों की आर्थिक स्थिति का आंकलन कर विद्यार्थियों के लिए कौन सा माध्यम उपयुक्त है, सुझाव दें।
- शारीरिक दूरी, मास्क, सैनिटाइजेशन व बार-बार हाथ धोने की व्यवस्था का कड़ाई से पालन हो।
- शिक्षक स्वयं भी संक्रमण से बचाव के लिए नियमों का पालन करें।
- स्कूल आने के लिए किसी भी विद्यार्थी को बाध्य न किया जाए।
- स्कूल आकर परीक्षा या किसी अन्य कार्य के लिए भी दबाव न बनाया जाए।
- शिक्षक ई-लर्निंग को बढ़ावा दें, अपने वीडियो लेक्चर बनाकर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराएं।
- शिक्षा नीति 2020 का प्रचार-प्रसार अभिभावकों व विद्यार्थियों में प्रभावी रूप से करें।