अपनी आय के हिसाब से जानिए कौन सा आइटीआर फार्म भरना होगा आपको Agra News
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए सात तरह के हैं फॉर्म। चार लाख मासिक आय पर दाखिल होगा आरटीआर-2 फार्म। रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि अब बढ़कर हुई 31 अगस्त।
आगरा, जागरण संवाददाता। रिटर्न दाखिल करने के लिए वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपनी आय बतानी होगी बुनियादी रूप से समझने के लिए अगर आपकी कुल वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक हो तो आपको आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा। इसकी सीमा 60 वर्ष से 80 साल तक के व्यक्तियों के लिए 3 लाख रुपये और 80 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए 5 लाख रुपये है। आप अपनी आय कैसे दर्ज करते हैं। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपने कर रिटर्न दाखिल करने के लिए आपको किस आयकर फॉर्म का उपयोग करना होगा।
दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर में प्रधान आयकर आयुक्त फर्स्ट रेनू जौहरी और प्रधान आयकर आयुक्त सेकेंड जयंत मिश्रा नेे करदाताओं का समाधान किया। तमाम सवाल आए और अधिकारियों ने उन्हें सुनते हुए उत्तर दिए। इसके साथ ही परिचर्चा में उन्होंने आयकर रिटर्न के लिए दाखिल होने वाले विभिन्न फार्मों की भी जानकारी दी।
आइटीआर-1
कोई व्यक्ति जो भारत का निवासी हो और वेतन, घर की संपत्ति और बैंक ब्याज जैसे अन्य स्रोत से उसकी आय हो तो वह अपना कर रिटर्न दाखिल करने के लिए आइटीआर-1 का उपयोग कर सकता है। इसके अलावा इन सभी आय को 50 लाख रुपये तक की वार्षिक कुल आय के लिए सूचित किया जा सकता है। इस प्रयोजन के लिए आपकी 'कुल आयÓ उपरोक्त स्रोतों से आपकी कुल वार्षिक आय होगी, जिन्हें आपके कर कटौती द्वारा कम किया जाता है। आइटीआर-1 में अपनी आय की छूट की रिपोर्ट भी कर सकते हैं जैसे लाभांश, पीपीएफ ब्याज, एलआइसी मैच्युरिटी से हुई आय आदि। ये आय आपकी वार्षिक आय का हिस्सा नहीं बनती हैं।
आइटीआर-2
आइटीआर 2 सभी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) आइटीआर-2 में अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। जहां आइटीआर-1 ऊपर वर्णित सीमित मामलों के लिए एक सरल फॉर्म है, अन्य मामलों में व्यक्ति और एचयूएफ (व्यवसाय या पेशे से आय को छोड़कर) आइटीआर-2 दर्ज कर सकते हैं। गणना करने के लिए आइटीआर-2 को नीचे दिए गए मामलों में दायर करना होगा।
- 50 लाख रुपये से अधिक की कुल आय वाले व्यक्ति (निवासी और अनिवासी)
- अनिवासी व्यक्तियों को आइटीआर-2 में अनिवार्य रूप से अपनी आय दर्ज करनी होती है।
- ऐसे व्यक्ति जो किसी कंपनी के निदेशक हैं, उन्हें आइटीआर-2 दाखिल करना होगा। जिन व्यक्तियों का गैर-सूची इक्विटी शेयरों में निवेश है, उन्हें आइटीआर-2 दाखिल करना होगा। व्यवसाय या पेशा चलाने वालों को आइटीआर-3 दाखिल करना चाहिए। कृषि आय पांच हजार से अधिक होने पर भी आइटीआर-2 भरना होगा।
आइटीआर- 3
आइटीआर-3 उन व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए लागू होता है, जिनकी व्यवसाय या पेशे से आय होती है। 50 लाख रुपये से कम की कुल आय के मामले में भी प्रत्येक व्यक्ति या एचयूएफ करदाता, जिनकी व्यवसाय या पेशे से आय है (एक साझेदारी या एलएलपी से लाभ के हिस्से सहित) को आईटीआर-3 में अपना कर रिटर्न दाखिल करना चाहिए। आइटीआर-3 दाखिल करते समय, व्यक्ति या एचयूएफ को अपने व्यापार, लाभ और हानि खाते, जीएसटी कानून के तहत कारोबार और अपने व्यवसाय की बैलेंस शीट दाखिल करनी चाहिए। व्यक्ति या एचयूएफ आइटीआर-3 के माध्यम से सभी आय दाखिल कर सकते हैं जैसे वेतन, गृह संपत्ति, व्यवसाय या पेशा, पूंजीगत लाभ और अन्य स्रोत।
आइटीआर-4
ऐसे निवासी व्यक्ति, एचयूएफ और साझेदारी फर्म (एलएलपी के अलावा) जिनकी व्यवसाय या पेशे से आय होती है, जिन पर अनुमान के आधार पर कर लगाया जाता है, आइटीआर-4 में अपना कर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इसके अलावा आइटीआर-4 का उपयोग केवल 50 लाख रुपये तक की कुल आय के लिए किया जा सकता है।
आइटीआर-5
करदाता जो एओपी व्यक्तियों का संगठन बीओआई (व्यक्तियों का निकाय) एलएलपी, सहकारी समितियां, कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति और स्थानीय प्राधिकरण हैं, उन्हें आइटीआर-5 में अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना है।
आइटीआर-6
धर्मार्थ और धार्मिक उद्देश्यों के लिए रखी गई संपत्ति से आय के लिए छूट का दावा करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कॉर्पोरेट करदाताओं को आइटीआर-6 में अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा।
आइटीआर-7
धारा 139 (4ए) से 139 (4डी) के तहत आने वाले ट्रस्ट, गैर-लाभकारी संस्थान, कॉलेज, निवेश फंड आदि जैसे कार्पोरेट सहित करदाताओं को आइटीआर-7 में अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा।