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26 साल पहले लगाए 9500, अब हुए दो करोड़ 53 लाख, जानिए कैसे करें निवेश Agra News

निवेश करने से पहले थोड़ी समझदारी दिखाना जरूरी है। तभी 9500 से दो करोड़ 53 लाख तक का सफर तय किया जा सकता है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 12:35 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 12:35 PM (IST)
26 साल पहले लगाए 9500, अब हुए दो करोड़ 53 लाख, जानिए कैसे करें निवेश Agra News
26 साल पहले लगाए 9500, अब हुए दो करोड़ 53 लाख, जानिए कैसे करें निवेश Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। अपना रुपया कहां, कब और कैसे निवेश करें? शेयर बाजार में उतरने की सोच रहे लोगों की सबसे बड़ी चिंता यही होती है। थोड़ा डर भी होता है क्योंकि अक्सर गलत जगह पैसा निवेश कर नुकसान उठाने के उदाहरण भी सामने होते हैं। ऐसे में निवेश करने से पहले थोड़ी समझदारी दिखाना जरूरी है। तभी 9500 से दो करोड़ 53 लाख तक का सफर तय किया जा सकता है।

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कैसे? चलिए हम आपको बताते हैं। 26 साल पहले 14 जून, 1993 को इंफोसिस पब्लिक इश्यू में लिस्टेड हुई। उसके शेयर की फेस वेल्यू 95 रुपये थी, लेकिन खुलने के बाद वह 52 फीसद की ग्र्रोथ के साथ 145 रुपये पर लिस्ट हुए। इसके बाद कंपनी ने अपने निवेशकों को आठ बार बोनस दिया।

100 से हुए 34128 शेयर

अर्थशास्त्री डॉ. वीयू विश्नोई ने बताया कि इसका असर यह हुआ कि शुरूआत में जिसने 100 शेयर लिए, ग्र्रोथ होकर वह वर्तमान में 34128 शेयर तक जा पहुंचे, जिनकी वर्तमान कीमत दो करोड़ 53 लाख है। इसके साथ कंपनी ने 40 बार अंतरिम और फाइनल डिविडेंट दिया, जो ढ़ाई से तीन लाख के करीब है।

थोड़ी समझदारी और सब्र जरुरी

फाइनेंस सलाहकार सुरभि जैन का मानना है कि किसी भी जगह पैसा इन्वेंट करने के कुछ नियम हैं। सबसे पहले अपनी क्षमता, जोखिम लेने की सीमा को देखते हुए निवेश का माध्यम चुने कि वह शेयर होगा, म्युचअल फंड होगा या अन्य कोई माध्यम। जल्दी लाभ कमाने के लिए अक्सर लोग शेयर चुनते हैं। हालांकि इसमें लाभ अधिक है, लेकिन जोखिम भी। इसलिए शेयर चुनने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें।

- यह देख लें कि जो बिजनेस चुनें, वह लगातार चलने वाला हो, जैसे सीमेंट, सॉफ्टवेयर (टेक्नीकल सर्विसेज), स्टील, एफएमसीजी आदि। इससे जोखिम का डर कम होता है।

- जिस कंपनी के चुनें, सिर्फ दिखावे पर न जाए। यह जरूर देखें कि उसका मैनेजमेंट अच्छा हो। इसे आसान शब्दों में समझने के लिए नीरव मोदी की गीतांजलि और एनआर नारायण मूर्ति की इंफोसिस का उदाहरण सबसे सटीक है।

- किया गया निवेश समय के साथ चक्रवृद्धि ब्याज की दर से बढ़ता है। लिहाजा समय का विशेष ध्यान रखें। लंबे समय तक एक ही कंपनी में रखने से ज्यादा लाभ संभावित है।

- निवेश का पहला और आखिरी उसूल है कि सब्र का फल मीठा होता है। इसलिए जल्दबाजी में शेयरों की खरीद-फरोख्त न करें। सोच समझ तक लंबे समय के लिए निवेशित हों।  

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