बदल गया कन्या भोज, वक्त के साथ अब फास्टफूड का आ गया चलन Agra News
कंजकों को खिलाए जा रहे उनकी पसंद के व्यंजन। कन्या-लांगुर चाउमिन और पेटीज खा रहे चाव से।
आगरा, जागरण संवाददाता। नवरात्र में कन्या पूजन पर कुछ लोगों ने कंजकों को अब उनका फेवरेट फास्ट फूड खिलाना शुरू कर दिया है। पहले हलवा पूड़ी का प्रसाद खिलाया जाता था। लेकिन अब चाउमिन, पेस्ट्री, पेटीज की दावत दी जाने लगी है।
नवरात्र सात अक्टूबर को खत्म हो रहे हैं। रविवार को शहर में कई घरों में अष्टमी पूजी जाएगी। कन्याओं का पूजन होगा। पूजा में कन्याओं को हलवा-पूरी का प्रसाद दिया जाता है। श्रद्धा अनुसार कुछ लोग पैसे देते हैं तो कुछ लोग कंजकों की जरूरत का सामान। अब गिफ्ट्स में तो लोगों की पसंद बदली ही है, पर इसके साथ-साथ प्रसाद में भी उनकी सोच में बदलाव आया है। प्रसाद के रूप में अब चाउमिन,पेस्ट्री, पैटीज, गोलगप्पे, चॉकलेट, मैगी शामिल हो गई है। कुछ लोग अपने घरों में ही चाउमिन बना लेते हैं तो कुछ बाहर से मंगाते हैं। पैराडाइज बेकरी के संचालक विक्की शर्मा कहते हैं कि लोग अब हमारे पास ऐसे फूड प्रोडक्ट्स की काफी डिमांड करते हैं।
वहीं भगत हल्वाई के शिशिर भगत का कहना है कि हमारे पास चॉकलेट्स की काफी डिमांड रहती है। पैक्ड जूस, कुकीज, पेस्ट्रीज भी खरीदते हैं। चाउमिन की डिमांड भी रहती है। ताजा चाउमिन हम सुबह-सुबह बनवाते हैं, लोग पूजा से पहले ही लेने आ जाते हैं।
गृहणी सुमेधा शर्मा का कहना है कि हलवा-पूरी तो आज भी देते हैं, वो प्रसाद है। लेकिन कन्याओं को प्रसाद पसंद नहीं है। इसलिए हम कोशिश करते हैं कि उन्हें उनकी पसंद की ही चीजें खाने में दें।
दयालबाग निवासी मीनू भाटी ने कहा समय के साथ हमें भी बदलना होगा। पहले के बच्चे हलवा पूरी में खुश हो जाते थे। पर आज नहीं होते हैं। अब कन्याओं की पूजा करते हैं तो उनकी पसंद का भी तो ध्यान रखना होगा।
कहते हैं महंत
लगड़े की चौकी हनुमान मंदिर के महंत गोपी गुरू ने कहा कि प्रसाद में कैसा भेदभाव? हलवा-पूरी मां का प्रसाद है। पर बच्चों की पसंद अगर चाउमिन है तो उन्हें खिलाने में हर्ज क्या है। माता रानी कन्याओं को खुश देखना चाहती हैं, वैसे भी समय बदल गया है।
हेल्दी फूड का रखें ध्यान
बाल रोग विशेषज्ञ डा. प्रेम सिंह की राय है कि चाउमिन और पेस्ट्री हेल्दी तो नहीं होती। इन्हें बच्चों को नहीं देना चाहिए, लेकिन कन्या पूजन के लिए बच्चों की पसंद देखी जाती है। प्रसाद पौष्टिक तो है लेकिन बच्चों की पसंद नहीं है। अगर देना ही है तो कुछ हेल्दी फूड भी दिए जा सकते हैं।