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Jyeshtha Maas 2022: कल से शुरू हो रहा है ज्येष्ठ माह, नोट कर लें प्रमुख त्योहारों की तिथियां

Jyeshtha Maas 2022 मंगलवार से ज्येष्ठ मास आरंभ हो रहा है। सनातन धर्म में इस मास का विशेष महत्व है। निर्जला एकादशी गंगा दशहरा वट सावित्री व्रत जैसे प्रमुख त्योहार इस मास में आते हैं। इस मास को दान का मास भी कहा जाता है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 04:20 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 04:20 PM (IST)
Jyeshtha Maas 2022: मंगलवार से ज्येष्ठ मास आरंभ हो रहा है।

आगरा, जागरण संवाददाता। 17 मई, मंगलवार से ज्येष्ठ निर्जला एकादशी, गंगा दशहरा, वट सावित्री व्रत जैसे प्रमुख त्योहार इस मास में आते हैं। इस मास को दान का मास भी कहा जाता है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार ज्येष्ठ मास में सूरज अपने प्रचंड वेग में होता है इसलिये भीषण गर्मी पड़ती है। सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है। ज्येष्ठा नक्षत्र के कारण भी इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है। इस महीने में धर्म का सम्बन्ध जल से जोड़ा गया है, ताकि जल का संरक्षण किया जा सके। इस मास में सूर्य और वरुण देव की उपासना विशेष फलदायी होती है।

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ये है महत्व

ज्येष्ठ का महीना 17 मई से शुरू होकर 14 जून तक रहेगा। इस बीच अपरा व निर्जला एकादशी, गंगा दशहरा, वट सावित्री व्रत आदि जैसे प्रमुख व्रत और त्योहार होंगे। हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। कहा जाता है कि यह महीना ब्रह्मा जी को अति प्रिय है। यह माह सूर्य उपासना और रविवार व्रत रखकर भगवान सूर्य को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम है। ज्येष्ठ मा​ह में गर्मी अधिक होती है, इसलिए पेड़-पौधों और जीवों को जल देने से पुण्य प्राप्त होता है।

ये हैं प्रमुख तिथियां

17 मई, मंगलवार: ज्येष्ठ माह प्रारंभ, प्रतिपदा तिथि, बड़ा मंगलवार व्रत

19 मई, गुरुवार: एकदंत संकष्टी चतुर्थी

22 मई, रविवार: मासिक कालाष्टमी व्रत

26 मई, गुरुवार: अपरा एकादशी

27 मई, शुक्रवार: प्रदोष व्रत

28 मई, शनिवार: मासिक शिवरात्रि

30 मई, सोमवार: ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती

03 जून, शुक्रवार: विनायक चतुर्थी

07 जुलाई, गुरुवार: मासिक दुर्गाष्टमी व्रत

09 जून, गुरुवार: गंगा दशहरा

10 जून, शुक्रवार: निर्जला एकादशी

12 जून, रविवार: प्रदोष व्रत

14 जून, मंगलवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, वट पूर्णिमा व्रत

 

धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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