JantaCurfew: आगरा मंडल के हर जिले में पसरा है सन्नाटा, CoronaVirus के संदिग्धों को लेकर भी एहतियात
एटा में पांच संदिग्धों को भेजा गया जिला अस्पताल। मैनपुरी मथुरा फीरोजाबाद और कासगंज में भी अतिरिक्त सतर्कता।
आगरा, जेएनएन। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में आगरा मंडल के हर जिले में लोग भागीदारी कर रहे हैं। मैनपुरी, एटा, फीरोजाबाद, मथुरा और कासगंज में लोगों ने स्वयं को घरों में कैद कर लिया। वहीं कोरोना वायरस के संदिग्धों को लेकर भी एहतियात बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार सक्रिय है। संदिग्धों को जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छेड़ी गई इस मुहिम में एटा के लोग शतप्रतिशत भागीदार बने हैं। जनता कर्फ्यू का पालन किया जा रहा है। लोग स्वेच्छा से ही सुबह से घरों से नहीं निकले। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है, गलीकूचे तक सूने हैं। जनता लॉकडाउन को लेकर पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद है। दवा की दुकानें तक बंद हैं। इस बीच राजा का रामपुर के गांव रायपुर में रविवार को पांच संदिग्धों को जिला अस्पताल भेजा गया है।
सुबह से ही लोगों ने खुद को घरों में बंद रखना ही उचित समझा। स्थिति यह है कि लोग अपनी बालकनी में से झांककर सड़कों का नजारा देख रहे हैं, लेकिन वे बाहर नहीं निकल रहे। जीटी रोड, कचहरी रोड, ठंडी, शिकोहाबाद रोड, आगरा रोड आदि सूने पड़े हैं। जिला अस्पताल में सभी आकस्मिक व्यवस्थाएं की गई हैं। चौराहों और गलीकूचों के नुक्कड़ों पर पुलिस की तैनाती है। कोई भी अगर बाहर निकलने की कोशिश करता है तो पुलिसकर्मी उससे घर में ही रहने की अपील करते नजर आते हैं। पुलिस की गाड़ियां जगह-जगह मुनादी करती दिखाई दे रही हैं, जिनमें अपीलें की जा रही हैं कि लोग घरों से न निकलें। जिलाधिकारी सुखलाल भारती ने बताया कि पूरे जिले में जनता कर्फ्यू का पालन किया जा रहा है। सब लोग स्वेच्छा से कोरोना के खिलाफ जंग में भागीदार बने हुए हैं। इधर एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि जिलेभर में पुलिस मुस्तैद है और निरंतर गश्त किया जा रहा है। लोगों से बाहर न निकलने की अपील की जा रही है।
राजा का रामपुर के पांच संदिग्ध भर्ती
थाना राजा का रामपुर के गांव रायपुर निवासी शेर सिंह दिल्ली से लौटकर आया था। तीन दिन से उसे जुखाम, खांसी, बुखार, पूरे शरीर पर सूजन हो गई, जिससे वह चलने फिरने में असमर्थ हो गया। गांव वालों को जब पता चला तो उन्होंने पुलिस को फोन कर दिया। इसके बाद पुलिस ने शेर सिंह, मां कमलेश, भाई कुलदीप, बहन खुशी व ताई सुज्जो देवी को एंबुलेंस बुलाकर जिला अस्पताल भेज दिया।
जिले में एक भी पॉजीटिव नहीं
जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना को लेकर किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि जिले में एक भी पॉजीटिव रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन फिर भी सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए लोग सतर्क रहें।
आशीष, नेहा ने की घरों से न निकलने की अपील
चीन के वुहान से लौटे जलेसर के दंपती आशीष और नेहा ने अपील की है कि लोग अपने घरों से नहीं निकलें। कोरोना वायरस की मार से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि जनता कर्फ्यू का पालन करें। यह दंपती भी परिवार समेत अपने घरों में ही हैं और सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को मैसेज भेजकर अपीलें कर रहे हैं।
मैनपुरी में भी कोरोना वायरस से जनता की जंग
मैनपुरी में पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर वैश्विक बीमारी कोरोना वायरस से जनता कर्फ्यू की जंग की वजह से शहर और कस्बे सुनसान नजर आए। इक्का-दुक्का वाहनों का सन्नाटा ही मार्गों पर छाई नीरसता को यदा-कदा भंग कर रहा था। प्रमुख राहें सुनसान थी तो गलियां शांत नजर आई। बाजारों में एक भी दुकान खुली नजर नहीं आई तो गलियों में चलने वाली दुकानों के ताले बंद नजर आए।
रविवार सुबह कोरोना वायरस के संक्रमण से नागरिकों बचने के लिए जनता कफ्र्यू का पूरा पालन करते नजर आए। सुबह से बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन पर वीरानी सी छाई तो राहों पर इक्का-दुक्का नागरिक नजर आए। सुबह सात बजे के करीब बस स्टेशन पर खुली एक दुकान को भी पुलिस ने समझाकर बंद करा दिया। बाजारों से चहल-पहल गायब थी तो किसी दुकान के ताले नहीं खुल सके। बस स्टेशन पर कुछ बसें एक ओर खड़ी थी, जबकि यात्री ही नजर नहीं आए। बस स्टेशन के आसपास भी माहौल शांत नजर आया। शहर के प्रमुख मार्गाें पर चहल-पहल का नजारा भी नहीं नजर आया।
मंदिरों में कम आए श्रद्धालु
शहर के देवालयों में भी सुबह की आरती के दौरान चंद श्रद्धालु दिखाई दिए। इस वजह से मंदिरों से गूंजने वाली आरती और घंटे-घटियालों की आवाज भी कुछ दूर जाकर शांत होती रही। मंदिरों के सेवकों ने पूजा-पाठ के काम को गिने-चुने श्रद्धालुओं के साथ पूरा कराया। सुबह सात बजे से ही पहले श्रद्धालु महिलाएं और पुरूष पूजा आदि कर घरों को चले गए।
सायरन तोड़ते रहे सन्नाटा
जनता कर्फ्यू दौरान राहों पर छाई नीरसता को पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के वाहनों के सायरन और हूटर तोड़ते जरूर भंग करते दिखे। डीएम और एसपी के अलावा दूसरे अधिकारी वाहनों में सवार होकर शहर के माहौल का जायजा लेते रहे। वहीं, कस्बों में भी पुलिस और दूसरे अधिकारी वाहनों के साथ जनता कर्फ्यू देखने दौड़ते रहे।
घरों में कैद हुए नागरिक
जनता कर्फ्यू का पालन करने के लिए नागरिक घरों में कैद हो गए। परिवार के बुजुर्ग इसका पालन करते और कराते नजर आए। ऐसे में स्वजनों ने टीवी और मोबाइल और अन्य साधनों के जरिये खुद को घरों में बनाए रखा। वहीं, पुरुषों ने भी घरों में जनता कफ्र्यू के दौरान वक्त को सफाई आदि कामों के जरिये व्यतीत किया।
नहीं दिखे वाहन
राहगीरों से इधर से उधर पहुंचाने का काम करने वाले टेपों, ई-रिक्शा, रिक्शा वाले सुबह से ही राहों पर नहीं निकले। सुबह एकाध ऐसा वाहन नजर भी आया तो पुलिस ने उसे समझाकर घर भेज दिया। रविवार सुबह पौने सात बजे बस स्टेशन आई कासगंज डिपो की एक बस यात्रियों के नहीं होने से लौट गई।
पेट्रोल पंप से लौटाए ग्राहक
रविवार सुबह सात बजे के बाद जनता कर्फ्यू के दौरान पंप पर पेट्रोल लेने आए कुछ मोटरसाइकिल सवारों को लौटा दिया गया। शहर के कचहरी रोड पर संचालित पंपों से सुबह-सुबह ऐसे वाहनों को ईंधन नहीं मिल सका। इसके बाद वाहन नहीं चले तो पंपों पर सन्नाटे जैया माहौल दिखा।
सुहागनगरी में जनता ने लगाया कर्फ्यू
कोरोना से जंग लडऩे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का सुहागनगरी फीरोजाबाद ने पूरी तरह पालन किया। शनिवार रात को बंद होने के बाद रविवार को कोई भी बाजार या दुकान नहीं खुली। कारखाने और गोदाम भी बंद रहे। लंबी दूरी की ट्रेनें चलीं, लेकिन उनमें यात्रियों की संख्या न के बराबर थी।
समय के साथ प्रदेश और देश में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। इसकी कड़ी तो तोडऩे के लिए प्रधानमंत्री ने रविवार की सुबह सात से रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू का आह्वान किया तो सुहागनगरी ने पूरी समझदारी और सहयोग का नजारा पेश किया। रविवार सुबह गांव और गली मुहल्लों तक में कर्फ्यू जैसा माहौल था। लोग स्वेच्छा से घरों में कैद हो गए थे। सड़क किनारे रहने वालों ने भी जनता कफ्र्यू का पालन किया। लोहापीटा समाज ने भी कामकाज बंद रखा। सड़कों और हाईवे पर इक्का दुक्का लोग ही नजर आ रहे थे। उनमें भी कई जरूरतमंद थे। हाईवे और चौराहों पर केवल पुलिसकर्मी ही मौजूद थे।
अधिकारियों की गाडिय़ां घूमती रहीं। इस दौरान जो लोग भी बाहर खड़े नजर आए। उन्हें घर में जाने की हिदायत दी गई। वहीं जहां कहीं दुकान और खोखे खुले थे। उन्हें बंद करा दिया। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा।