इंतजार खत्म..दिलीप ताहिल संग आज से होगा जेएफएफ का आगाज
जागरण संवाददाता, आगरा: ताजनगरी के लोगों का जागरण फिल्म फेस्टिवल(जेएफएफ) का इंतजार खत्म हो गया।
जागरण संवाददाता, आगरा: ताजनगरी के लोगों का जागरण फिल्म फेस्टिवल(जेएफएफ) का इंतजार खत्म हो गया है। सात सितंबर की शाम छह बजे सर्व मल्टीप्लेक्स में सिने अभिनेता दिलीप ताहिल संग जेएफएफ का भव्य आगाज होगा। हर दिन सितारों का जमावड़ा होगा। दर्शक तीन दिनों तक फिल्मों का आनंद ले सकेंगे। फेस्टिवल के पहले दिन निर्देशक मिलिंद की फिल्म 'तू है मेरा संडे' से दिखाई जाएगी। इसके साथ ही नो माइंड, पंचलाइट सहित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। फिल्म फेस्टिवल में 18 वर्ष से कम उम्र के युवाओं के प्रवेश पर रोक है। दिलीप ताहिल होंगे दर्शकों से रूबरू
उद्घाटन सत्र के बाद रात साढे़ आठ बजे से अभिनेता दिलीप ताहिल दर्शकों से रूबरू होंगे। फिल्म इंडस्ट्री में आ रहे बदलाव को लेकर वह अपने विचार रखेंगे। इसमें दर्शक उनसे सवाल पूछ सकेंगे। ये फिल्में होंगी प्रदर्शित
सात सितंबर
शाम छह बजे - तू है मेरा संडे, निर्देशक मिलिंद (130 मिनट)
आठ सितंबर
- सुबह 10 बजे अंतरराष्ट्रीय लघु फिल्मों का प्रसारण होगा।
- 11:45 बजे - तर्पण, निर्देशक नीलम सिंह (104 मिनट),
1:45 बजे - पंचलाइट, निर्देशक प्रेम प्रकाश (126 मिनट)
4 बजे - मुक्काबाज, निर्देशक अनुराग कश्यप (150 मिनट)
6:45 बजे - लम्हे, निर्देशक यश चोपड़ा
नौ सितंबर
सुबह 10:30 बजे - भारतीय लघु फिल्में दिखाई जाएंगी।
11:45 बजे- स्ट्रिक्टली प्रोफेशनल, निर्देशक निर्देशक सीन ब्राउन (88 मिनट)
1:15 बजे - नो माइंड, निर्देशक चिराग (74 मिनट)
3:30 बजे - अश्वत्थामा, निर्देशक पुष्पेंद्र (120 मिनट)
6:15 बजे - पंचनम अनमिक्स्ड, निर्देशक ब्रह्मानंद सिंह (113 मिनट)
8:15 बजे इंग्लिश-विंग्लिश, निर्देशक गौरी (134 मिनट)
पिछले फिल्म फेस्टिवल का मैं हिस्सा रहा था। जागरण की पहल बहुत अच्छी है। सामाजिक सरोकार से जुड़ी फिल्मों के माध्यम से समाज को जागृत किया जाता है। इससे रंगकर्मियों को प्रेरणा मिलती है।
उमाशंकर मिश्र, रंगकर्मी जागरण ने ही शहर में फिल्म फेस्टिवल जैसा बड़ा आयोजन शुरू किया है। यह युवा कलाकारों के लिए पाठशाला का काम करती है। पिछली बार आयोजन का हिस्सा बनने का अवसर मिला था।
डिंपी मिश्रा, रंगकर्मी जिस स्तर का आयोजन जागरण कराता है, वैसा आयोजन शहर में नहीं होता है। मैं हर जेएफएफ में रहा हूं। इस आयोजन में वो अच्छी फिल्में देखने को मिलती हैं जो आसानी से नहीं देख सकते। पैनल डिस्कशन बहुत सार्थक रहता है।
दिलीप रघुवंशी, वरिष्ठ रंगकर्मी
शहर में फिल्म फेस्टिवल का आगाज जागरण ने ही किया है। इस तरह के आयोजन शहर की प्रतिभाओं के लिए कार्यशाला का काम करते हैं। उम्मीद है इस बार भी अच्छी फिल्में देखने को मिलेगी।
डॉ. शशि तिवारी, साहित्यकार