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जाट महासभा आई आगे, मुगल म्यूजियम का नाम महाराजा सूरजमल के नाम पर हो

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सोमवार को दिए थे मुगल म्‍यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी के नाम पर रखे जाने के निर्देश। जाट महासभा ने कहा महाराजा सूरजमल का योगदान अविस्‍मरणीय।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 10:00 PM (IST)
जाट महासभा आई आगे, मुगल म्यूजियम का नाम महाराजा सूरजमल के नाम पर हो
जाट महासभा आई आगे, मुगल म्यूजियम का नाम महाराजा सूरजमल के नाम पर हो

आगरा, जेएनएन। आगरा में बन रहे मुगल म्‍यूजियम के नाम को लेकर अब अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सोमवार को समीक्षा बैठक में यह कहा कि मुगल कभी हमारे आदर्श नहीं हो सकते, इसलिए आगरा में बन रहे म्‍यूजियम का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर किया जाए। इस पर अखिल भारतीय जाट महासभा भी सक्रिय हो गई है। महासभा ने मांग उठाई है कि म्‍यूजियम का नाम पर महाराजा सूरजमल के नाम पर होना चाहिए क्‍योंकि ब्रज क्षेत्र में उनका योगदान अविस्‍मरणीय है।

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अखिल भारतीय जाट महासभा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आगरा में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का नाम अजेय रियासत के अजेय महाराजा सूरजमल जी के नाम पर रखे जाने की जोरदार मांग की है। जाट महासभा के जिला अध्यक्ष कप्तान सिह चाहर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुं. शैलराज सिंह एड, प्रदेश उपाध्यक्ष चौ गोपीचंद, लखपति सिंह चाहर, ओपी वर्मा, जिला उपाध्यक्ष जयप्रकाश चाहर, भूपेन्द्र सिंह राणा, डा. कुमरेन्द्र सिंह, जितेन्द्र सिंह चाहर व महामंत्री रामवीर नरवार, पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह वर्मा सजग व राजेन्द्र सिंह ठकुरेला, प्रेम सिंह सोलंकी, क्षेत्रीय अध्यक्ष गुलवीर सिंह, अन्जू सिंह चौधरी, दिनेश चाहर, यतेन्द्र सिंह चाहर, भूपेन्द्र सिंह इन्दोलिया आदि ने मंगलवार को वेब मीटिंग की। बैठक में कहा गया कि जाट महासभा मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ व छत्रपति शिवाजी महाराज का बेहद सम्मान करती है और जाट समाज का वीर शिवाजी और मराठाओंं से कोई दुराव नहीं हो सकता। क्योंकि पानीपत युद्ध में जब मराठाओं की पराजय हुई तो हारे, थके, घायल मराठा सैनिकों को शरण, उनका इलाज और छह महीने तक उनके रहने खाने-पीने की व्यवस्था महाराजा सूरजमल व महारानी किशोरी सिंह ने की। इसके बाद अपने सैनिकों की सुरक्षा में उन्‍हें सुरक्षित महाराष्ट्र भेजा था।

आगरा में म्यूजियम बने और उसका नाम महाराजा सूरजमल के नाम पर न हो, जिन्होंने व उनके पुत्र महाराजा जवाहर सिंह ने आगरा की जनता को लम्बे समय तक मुगलिया अत्याचारों से मुक्ति दिलाने का काम किया था। यह हिंंदू शिरोमणि व धर्म रक्षक राजाओंं का अपमान ही होगा। जाट महासभा ने कहा है कि महाराजा सूरजमल व उनके पुत्र महाराजा जवाहर सिंह ने 1761 से 1774 तक आगरा पर शासन किया। वहींं आगरा ही नहीं उनके राज्य में शामिल मथुरा, अलीगढ़, बुलंंदशहर, एटा, मैनपुरी, इटावा, फर्रुखाबाद, सहारनपुर, मेरठ, पलवल, बल्लभगढ़, जींद, रेवाडी, अलवर, गुङगाॅव, हाथरस आदि उत्तर भारत की जनता को मुगलिया अत्याचारों से मुक्ति दिलाने का काम किया।

जिस हिन्दुत्व व हिन्दू जनता के लिये जाट राजाओं ने मुगलिया सल्तनत को परास्त किया व वीरवर गोकुला, राजाराम जाट व रामकी चाहर जैसे वीर योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी, उन्ही महान पुरुषों को हिंदू इतिहासकारों ने इतिहास से नकारने का काम किया। महासभा के जिला अध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर ने बताया कि महासभा दिनांक 18 सितंबर को प्रातः 11:00 बजे मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपेेेेेगी। जिसमें निर्माणाधीन म्यूजियम का नाम महाराजा सूरजमल के नाम पर रखे जाने की मांग की जाएगी। साथ ही बैठक में फैसला लिया गया कि महासभा जिले के समस्त सांसदों, विधायकों व प्रमुख गणमान्य जनों को ज्ञापन देकर म्यूजियम के नामकरण के संबंध में समर्थन जुटाएगी। 


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