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Gang of Surrogacy: फरीदाबाद के आइवीएफ सेंटरों में सरोगेसी, नेपाल में शिशुओं का सौदा

इन्हीं के माध्यम से नीलम कराती थी अवैध सेरोगेसी की प्रोसेस। पुलिस को जांच में मिली कई आइवीएफ सेंटरों के बारे में जानकारी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 09:34 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 09:35 AM (IST)
Gang of Surrogacy: फरीदाबाद के आइवीएफ सेंटरों में सरोगेसी, नेपाल में शिशुओं का सौदा
Gang of Surrogacy: फरीदाबाद के आइवीएफ सेंटरों में सरोगेसी, नेपाल में शिशुओं का सौदा

आगरा, यशपाल चौहान। कोख के सौदागरों के गैंग का बड़ा नेटवर्क है। पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे ही इसकी परतें खुल रही हैं। फरीदाबाद के आइवीएफ यानि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन सेंटर्स में सेरोगेसी होती थी। इसके बाद नेपाल में बैठी गैंग की मुख्य सरगना शिशुओं का सौदा करती थी। पुलिस को वहां से अन्य देशों में बेचे जाने की भी आशंका है। अब पुलिस इसकी तस्दीक के लिए एक बार फिर फरीदाबाद जाएगी।

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कोख के सौदागरों के गैंग की एजेंट फरीदाबाद के धीरज नगर की नीलम है। 19 जून को फतेहाबाद क्षेत्र से पुलिस ने सेरोगेट मदर रूबी व तीन अन्य युवकों के साथ जेल भेज दिया है। पूछताछ के आधार पर अब पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है। पुलिस ने प्रसव करने वाले डॉक्टरों, व जेल भेजी गई महिलाओं और युवकों से पूछताछ कर ली थी। मगर, अभी तक यह पता नहीं चला था कि सेरोगेसी का प्रोसेस कहां होता था। शुक्रवार को पुलिस को जानकारी हुई कि सेरोगेसी का प्रोसेस फरीदाबाद के आवीएफ सेंटरों में ही होता था। नीलम के मोबाइल में इनके एजेंटों नंबर हैं। भ्रूण को लैब में फर्टिलाइज्ड कर सेरोगेट मदर के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता था। इसके बाद उन महिलाओं की देख रेख नीलम ही करती थी। खर्चे के लिए प्रतिमाह महिलाओं को दस हजार रुपये भी नीलम देती थी। प्रसव के समय महिलाओं को नेपाल ले जाया जाता था। वहां अस्मिता प्रसव कराती थी। प्रसव के बाद सेरोगेट मदर को साढ़े तीन से चार लाख रुपये मिलते थे। जबकि आठ लाख में एक शिशु का सौदा होता था। इसके बाद शिशुओं को बेच देती थी। पुलिस के मुताबिक नेपाल में बच्चियाें की अधिक डिमांड रहती थी। क्योंकि उन्हें अनैतिक कार्यों में इस्तेमाल किया जाता था। एसपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि पुलिस को यह भी आशंका है कि नेपाल से इन्हें किसी और देश में भी अस्मिता सौदा करती होगी। आगरा में पकड़ी गई गैंग से जुड़ी महिलाओं ने इसकी जानकारी नहीं दी है। अभी और साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस की एक टीम नेपाल भेजी जाएगी।

नीलम के मोबाइल से भी खुलेंगे राज

सीओ फतेहाबाद विकास जायसवाल ने बताया कि नीलम का मोबाइल भी पुलिस के कब्जे में है। पुलिस अब उसकी भी जांच करेगी। इसमें कई एजेंटों के नंबर हैं। साथ ही सरोगेट मदर और नेपाल तक के नेटवर्क के बारे में भी इसी से पता चलेगा।

ये हैं जेल में बंद

फरीदाबाद के धीरज नगर निवासी नीलम, रूबी, प्रदीप, दिल्ली के बदर पुर निवासी अमित कुमार, हर्ष विहार निवासी राहुल । 


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