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समय से तैयार हो जाइए जनाब, चढऩे वाला है मार्च का फीवर

वित्तीय वर्ष की समाप्ति का शुरू हो गया काउंट डाउन। जीएसटी इनकम टैक्स रिटर्न ईएसआइ पीएफ टीडीएस जाएगा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 06:25 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2019 06:25 PM (IST)
समय से तैयार हो जाइए जनाब, चढऩे वाला है मार्च का फीवर
समय से तैयार हो जाइए जनाब, चढऩे वाला है मार्च का फीवर

आगरा, जेएनएन। तैयार हो जाइए जनाब। एक बार फिर मार्च फीवर सर चढ़कर बोलने वाला है। गुरुवार से इसका आगाज हो चुका है। कारोबारियों के लिए यह सबसे मुश्किल भरा महीना माना जाता है। इस दौरान अलग-अलग प्रकार के जीएसटी और इनकम टैक्स रिटर्न के अलावा ईएसआइ, पीएफ और टीडीएस भी जाएगा। इसको लेकर न केवल व्यापारी बल्कि प्रोफेश्नल्स में भी गहमागहमी बनी हुई है।

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मार्च का आगाज होते ही वित्तीय वर्ष 2018-19 की समाप्ति का भी काउंटडाउन शुरू हो चुका है। इस माह सभी को अपने खाते बंद करने होते हैं। पुराने मामलों का निस्तारण करना होता है। इस समय भी कुछ ऐसा ही करने की कवायद हो रही है। कारोबारियों ने सीए, एडवोकेट्स के दफ्तरों के चक्कर लगाने शुरू कर दिए है। देरी होने पर पेनल्टी का प्रावधान है। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का कहना है कि हर बार मार्च में काम का प्रेशर काफी बढ़ जाता है। कई क्लाइंट्स की फाइलों का निस्तारण करना अनिवार्य होता है। एक- एक दिन में 40- 50 फाइलें निपटाई जा रही हैं। जीएसटी, इनकम टैक्स रिटर्न के अलावा ईएसआइ, पीएफ और टीडीएस भी जाएगा। देरी होने पर पेनल्टी लगेगी।

समझ लीजिए इन तारीखों को 

-11 मार्च तक फरवरी माह का जीएसटीआर-1

(1.5 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वालों पर 200 रुपये प्रतिदिन पेनल्टी)

-20 मार्च तक जीएसटीआर-3 बी

(20 से 50 रुपये प्रतिदिन की पेनल्टी)

-सात मार्च तक आयकर टीडीएस

(देरी पर 1.5 फीसद प्रति माह की ब्याज)

-ईएसआइ और पीएफ 15 मार्च तक जाना है।

(देरी पर 12 फीसद वार्षिक की ब्याज)

-15 मार्च तक एडवांस टैक्स

(देरी पर एक फीसद मासिक ब्याज)

-31 मार्च तक वित्तीय वर्ष 2017-18 के रिटर्न जाने की अंतिम तिथि

(31 अगस्त तक व्यक्तिगत व नॉन ऑडिट वालों को रिटर्न फाइल करना था और ऑडिट वालों को 31 अक्टूबर तक। अब पेनल्टी भी भरनी होगी)

क्‍या है विशेषज्ञों की राय

करदताओं को चाहिए कि वे समय से अपने रिटर्न दाखिल कर दें। अंतिम समय काम का दबाव काफी बढ़ जाता है। उस दौरान काफी समस्या आती है।

सीए अमित अग्रवाल

इस समय रोजाना 40-50 फाइलों को निस्तारित किया जा रहा है। समय बढऩे के साथ दबाव और बढ़ जाएगा। करदाता लेटलतीफी न करें।

सीए आशुतोष शर्मा


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