द¨रदगी की शिकार बच्ची जंगली जानवरों के बीच रातभर पड़ी रही
-दहशत के चलते मासूम होश आने पर भी झाड़ियों से नहीं निकली बाहर -उजाला होने पर घायल हालत में घिसटते हुए खेतों तक पहुंची
आगरा: वह मासूम थी, अच्छे और बुरे के फर्क से अंजान थी। मगर, अपने साथ हुई द¨रदगी ने उसे दहशत से भर दिया था। फूस की जिन बड़ी झाड़ियों, नीलगाय और सियार के पास जाने से डर लगता था। अपनों की हैवानियत देख जंगली जानवरों के बीच वह खुद को सुरक्षित समझ रही थी। उनके बीच 14 घंटे रही।
मासूम से दुष्कर्म के बाद आरोपित रिन्का उसे मृत जानकर फूस की ऊंची झाड़ियों में फेंक गया था। सोमवार तड़के मासूम को होश आ गया। अंधेरे और दहशत के चलते वह झाड़ियों में दुबकी पड़ी रही। उसे डर था कि बाहर निकलते ही आरोपित दोबारा दबोच लेगा। ग्रामीणों के मुताबिक उक्त जंगल में नीलगाय, सियार, सांप और बिच्छू आदि बड़ी संख्या में रहते हैं। इन सबके बीच उसने 12 घंटे से ज्यादा काटे।
सुबह उजाला होने पर मासूम की हिम्मत बंधी। वह झाड़ियों से निकली, हैवानियत के चलते पैरों पर खड़ी नहीं हो सकी। कई सौ मीटर दूर तक खेत में किसी तरह घिसटते हुए पहुंची। वहां मेड़ किनारे दुबक गई। पुलिस ने उसे गोद में लिया तो गले से लिपट गई। मासूम को पिलाई थी शराब
ग्रामीणों का दावा है कि आरोपित रिन्का ने दुष्कर्म से पहले मासूम को शराब पिलाई थी। इससे कि मासूम की आसानी से हत्या की जा सके। मौके पर आरोपी द्वारा फेंका गया शराब का पाउच फोरेंसिक टीम को मिला था। यही कारण था कि रात भर चले सर्च ऑपरेशन के बावजूद वह नहीं मिल सकी।
रातभर बेटी की जिंदगी की दुआ मांगती रही मां
आरोपित द्वारा मासूम से दुष्कर्म के बाद उसे मारने की जानकारी देने के बाद ग्रामीण उसके सकुशल मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे। मगर, मां ने आस नहीं छोड़ी थी। वह रातभर भूखी-प्यासी रहकर बेटी के जिंदगी की दुआ मांगती रही। इस दौरान कई बार रो-रोकर बेहोश हुई। सुबह बेटी के जिंदा मिलने की खबर मिलने के बाद मां उसे लेने खेत की ओर दौड़ पड़ी। मोबाइल पर पोर्न साइट देखता था आरोपित
मासूम से हैवानियत दिखाने वाला रिन्का अपने मोबाइल पर पोर्न साइट देखता था। ग्रामीणों ने रविवार रात को धुनाई के के बाद आरोपित से पूछताछ की। उसका कहना था कि मोबाइल पर अक्सर पोर्न साइट देखता था। रविवार को वह पहली बार रिश्तेदारी में आया था। शराब पीने के बाद बच्ची को बहाने से ले गया। सोमवार को जेल जाते समय भी आरोपित के चेहरे पर पश्चाताप के भाव नहीं थे। पर्सनालिटी डिसआर्डर का शिकार है आरोपित
मनोचिकित्सक यूसी गर्ग कहते हैं कि ऐसे लोग पर्सनालिटी डिसआर्डर के शिकार होते हैं। वह लोगों के साथ आसानी से घुलमिल नहीं पाते। एकांत में रहना पसंद करते हैं। इन्हें दूसरों को पीड़ा पहुंचाने में मजा आता है। ऐसे लोगों के मन में दूसरों के लिए कोई इमोशन नहीं होते। परिवार ने तोड़ा नाता, बहिष्कार
रिन्का की करतूत की जानकारी के बाद परिवार के लोगों ने उससे रिश्ता तोड़ लिया। मासूम की भाभी के परिजन सोमवार को धौलपुर से गांव पहुंचे। उन्होंने बताया कि आरोपित शादीशुदा है। वह उससे भविष्य में कोई संबंध रखना नहीं चाहते।