Move to Jagran APP

आस्‍था और पर्यावरण का होगा नवरात्र में संगम, जाने क्‍या चल रहीं तैयारी

बढ़ते प्रदूषण ने बदली सोच। अब आकर्षण पर नहीं बल्कि आस्‍था पर ही रहता है जोर। पीओपी से होने वाले नुकसान की समझ बढ़ी तो मिटटी की मूर्तियों की बढ़ी मांग।

By Edited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 10:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 10:00 AM (IST)
आस्‍था और पर्यावरण का होगा नवरात्र में संगम, जाने क्‍या चल रहीं तैयारी
आस्‍था और पर्यावरण का होगा नवरात्र में संगम, जाने क्‍या चल रहीं तैयारी

आगरा[जेएनएन]: ये आस्था की बात है, लेकिन उससे अधिक चिंता ताजनगरी को प्रदूषणमुक्त करने की है। इस बार श्रद्धा के पंडालों में मिंट्टी की मां दुर्गा विराजमान करने की तैयारी की जा रही है। इस बार इको फ्रेंडली मूर्तियों की मांग तेजी से बढ़ी है। इस बार नवरात्र में आस्था के पंडालों में फिर श्रद्धा की बारिश होगी। खास बात ये है कि इस बार इको फ्रेंडली मूर्तियों पर खास जोर दिया जा रहा है। प्रदूषण कम करने की दिशा में ताजनगरी के लोगों ने भी पहल की है। साल-दर-साल प्रदूषण की चिंता बढ़ रही है, यही कारण है कि अब प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी मूर्तियों को तवज्जो कम दी जा रही है। महानगर में अकेले सौ से अधिक स्थानों पर प्रतिमाएं तैयार की जा रही हैं।

loksabha election banner

बढ़ गई मिटटी की मूर्तियों की मांग

नामनेर में रहने वाले सोनू प्रजापति का परिवार चार पीढि़यों से प्रतिमाएं बनाता है। सोनू बताते हैं कि इस साल मूर्तियों की डिमांड बढ़ी है। मूर्ति का ऑर्डर देने से पहले लोग ये जरूर पूछते हैं कि उन्हें मिंट्टी की ही मूर्ति चाहिए। एक-एक कारीगर के पास एक सौ से सवा सौ तक मूर्तियों के ऑर्डर हैं।

ताजनगरी की मूर्तियां जाती हैं राजस्‍थान तक

ताजनगरी से मूर्तियां इटावा, फीरोजाबाद, ग्वालियर, भिंड, धौलपुर, जयपुर सहित आसपास के एक दर्जन से अधिक जिलों में जाती हैं।

इससे तैयार होती हैं मूर्तियां 

कागज, गत्ता, बांस, भूसा, मिट्टी से बनी मूर्ति इको फ्रेंडली मूर्ति एक फुट से लेकर सात फुट तक तैयार हो रही हैं। इनकी कीमत अलग-अलग है। चालीस रुपये से लेकर सात हजार रुपये तक मूर्ति की कीमत है।

घट गया पीओपी का क्रेज

पीओपी से तैयार मूर्तियों में चमक ज्यादा होती है। लेकिन प्रदूषण के कारण उनकी डिमांड कम हो गई। हालांकि पीओपी की आठ फुट की दुर्गा प्रतिमा भी आठ हजार रुपये कीमत की है। लेकिन अब इनकी डिमांड तीस फीसद ही रह गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.