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आगरा और मेरठ जोन के 1450 नेता आयकर के रडार पर, खर्च पर रखी जा रही नजर

मतदाताओं को लुभाने का है इरादा तो हो जाएं सावधान आयकर विभाग कर रहा निगरानी। बैंक खातों के साथ उनकी गतिविधियों पर रखी जा रही कड़ी नजर। 17 ऐसे राजनैतिक दल है जिनकी इकाइयां विभिन्न जिलों में सक्रिय हैं। उन्होंने भी चुनाव प्रचार पर खर्च किया है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 12:03 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 12:03 PM (IST)
आगरा और मेरठ जोन के 1450 नेता आयकर के रडार पर, खर्च पर रखी जा रही नजर
संजय प्‍लेस स्थित आगरा आयकर रेंज आफिस।

आगरा, संदीप शर्मा। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान आगरा व मेरठ जोन के 1450 नेताओं पर पैनी नजर रखी जा रही हैं। ये नेता चुनाव लड़ने के नाम पर पैसा या महंगा गिफ्ट पार्टियों को दे चुके हैं या फिर मतदाताओं को लुभाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर चुके हैं। 17 ऐसे राजनैतिक दल है, जिनकी इकाइयां विभिन्न जिलों में सक्रिय हैं। उन्होंने भी चुनाव प्रचार पर खर्च किया है। यह इकाइयां आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर रही है।

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वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) की छानबीन में यह पर्दाफाश हुआ है। केंद्रीय निर्वाचन विभाग को भी इस बाबत रिपोर्ट दी गई है। आईएफयू की रिपोर्ट पर आयकर विभाग व आयकर महानिदेशक अन्वेषण (उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड) कार्यालय ने अधीनस्थ को जांच के आदेश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार इन नेताओं व दलों को नोटिस भेजे जाने की तैयारी हो रही है। अफसरों के अनुसार आठ जनवरी से बैंकों की निकासी सामान्य है। आगरा व मेरठ जोन में 54 हजार से अधिक ऐसे खाते हैं जिनसे सात नंवबर 2021 से लेकर सात जनवरी 2022 तक सर्वाधिक निकासी हुई है, पर अब करीब 18 हजार खातों को छोड़कर अन्य खातों से एक लाख से अधिक की निकासी नहीं हो रही है। 18 हजार खातों में से अधिकतर के धारक औद्योगिक इकाइयों के मालिक, व्यापारी व नौकरशाह हैं। यह इस बात का संकेत है कि नेता बैंक से निकासी नहीं कर रहे हैं। आयकर विभाग की आगरा और मेरठ जांच यूनिट के कार्यक्षेत्र में आने वाले आगरा, अलीगढ़, औरेया, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, झांसी, ललितपुर, मथुरा, मेरठ, बागपत, शामली, सहारनपुर, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर जिले आते हैं। विभाग की सक्रिय टीमें मतदान से पहले इन नेता पर नजर रखे हुए हैं।

11 विभागों से रिपोर्ट तलब

आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो इन नेताओं व दलों को की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ स्टांप, परिवहन, आबकारी, विकास प्राधिकरण, जीएसटी व वाणिज्यकर समेत 11 विभागों से भी रिपोर्ट मांगी है। पिछले तीन महीने में राजस्व प्राप्ति व उसके स्रोत की जानकारी जुटाई गई है। प्रचार सामग्री तैयार करने वाली प्रिंटिंग प्रेस आदि से भी ब्यौरा मांगा जा रहा है। मामला संदिग्ध लगने पर उन्हें नोटिस भेजे जाएंगे।

आयकर विभाग ने बनाया कंट्रोल रूम, जीएसटी ने टास्क फोर्स

उप्र विधानसभा चुनाव के लिए आयकर विभाग ने अपना कंट्रोल रूप बनाया है, जिसमें टोल-फ्री नंबर के साथ वाट्सएप नंबर जारी किया गया है। अपर आयकर निदेशक जांच के द्वारा स्थापित कंट्रोल रूप में टोल-फ्री नंबर 1800-180-7540 और वाट्सएप नंबर 7599102042 पर चुनाव प्रभावित करने के लिए नकदी प्रयोग करने व काले धन संबंधी शिकायतें की जा सकती हैं। साथ ही ई-मेल आइडी नोडलईसी डाट आइटैक्स-यूपी एट एनआइसी डाट इन और फैक्स नंबर 0562-2233306 पर भी शिकायत और सूचना दी जा सकती है।

अलग अलग टीमें बनीं

केंद्रीय जीएसटी और सीमा शुल्क विभाग ने अपनी टास्क फोर्स में दो-दो इंस्पेक्टर की पांच टीमें बनाई हैं। दो अधीक्षक इनका नेतृत्व करेंगे। सीजीएसटी व सीमा शुल्क अपर आयुक्त भवन मीना ने बताया कि पहली टीम में इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह और विपिन शर्मा, दूसरी टीम में अनुराग सोनी और अरविंद सिंह परमार शामिल हैं। इनका नेतृत्व अधीक्षक संजय कुमार करेंगे। वहीं तीसरी टीम में अजय सोनकर और कपिल कुमार, चौथी टीम में उमेश मीना और एनके राठौर हैं, जबकि पांचवीं टीम में पीके सागर और संजय कुमार शामिल हैं, इन तीनों टीमों का नेतृत्व अधीक्षक ऋषि देव सिंह करेंगे। इनकी जिम्मेदारी अवैध लेनदेन और सामानों की आवाजाही पर लगाम लगाना होगा।


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