मंडी में कारोबार ठप, खाद्यान्न संकट के आसार, ट्रक नहीं जा पा रहे गोदाम तक
त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखी गई हैं ईवीएम गोदामों तक नहीं पहुंच रहे माल से लदे ट्रक
By Edited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 07:31 AM (IST)
आगरा,जागरण संवाददाता। लोकसभा चुनाव के बाद मंडी समिति में रखी ईवीएम और इसके लिए बनाए गए त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे के कारण कारोबार ठप पड़ा है। मुख्य गेट सीज होने की वजह से माल से लदे ट्रक गोदामों तक नहीं पहुंच रहे। इससे खाद्यान्न संकट के आसार बन गए हैं। मौजूदा स्टॉक से सात दिन तक तो व्यवस्था संभल सकती है, लेकिन उसके बाद हालात बेकाबू होने की आशंका है। कारोबारी इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर प्रशासन के कंधों पर डाल रहे हैं। गल्ला कारोबारियों का कहना है कि मंडी समिति में व्यापार गत मार्च से ही प्रभावित है। प्रशासन ने मंडी के एक हिस्से को ईवीएम रखने के लिए खाली कराया था। इसके बाद 16 अप्रैल से और सख्ती हो गई। 18 अप्रैल से तो मंडी समिति में त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा है। मुख्य गेट सीज है, जिससे न तो व्यापारी और न ही उनके माल लदे ट्रक गोदाम तक पहुंच पा रहे हैं। सिकंदरा पर खड़े ट्रक कारोबारियों का कहना है कि गोदाम बंद हैं और माल लदे ट्रक सिकंदरा पर खड़े हैं। वह छोटी गाड़ियों में माल दुकान तक ला रहे हैं, जिससे अतिरिक्त भाड़े की रकम जुड़ने से लागत पांच से दस फीसद बढ़ रही है। दुकान में भी माल रखने की ज्यादा जगह नहीं है। कालाबाजारी का खतरा कारोबारियों का कहना है कि मंडी समिति बंद होने की खबर से बाजार में बिक्री थोड़ी बढ़ी है। इस हिसाब से स्टॉक अधिकतम सात दिन ही चलेगा। इसके बाद स्टॉक करने वाले मनमाने दाम पर माल बेचेंगे। मंडी समिति का कारोबार ठप मंडी समिति के गल्ला व्यापारी सत्यप्रकाश गुप्ता ने बताया कि चुनाव पहले भी हुए हैं, लेकिन पहली बार मंडी समिति मतदान के बाद से सीज है। वह वहीं से कारोबार करते हैं, जो तीन दिन से ठप है। हालांकि शुक्रवार को काफी गुहार के बाद गेट तीन घंटे खोला गया, लेकिन मजदूर न होने से सामान नहीं निकाला जा सका। शनिवार को व्यापारी गेट खुलने का इंतजार करते रहे। 23 मई तक यह हालात रहे तो शहर में खाद्यान्न की किल्लत से त्राहि-त्राहि मचना तय है, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। सात दिन ही संभाल पाएंगे व्यवस्था मोती गंज के खाद्यान्न व्यापारी सचिन गोयल ने बताया कि व्यापारी सामान दुकानों में रख रहा है, लेकिन जगह कम होने से सिर्फ सात दिन का ही स्टॉक संभव हैं। ऐसे में 23 मई तक खाद्यान्न उपलब्ध कराना उनके बस में नहीं होगा। महंगाई अलग बढ़ेगी। प्रशासन को चाहिए कि वह बीच का रास्ता निकाले। 75 से 80 फीसद माल फंसा मोतीगंज खाद्य व्यापार समिति सचिव विशन स्वरुप अग्रवाल ने बताया कि व्यापारी दुकान पर सिर्फ 20 फीसद ही स्टॉक करते हैं। 75 से 80 फीसद मंडी समिति में रहता है। 18 अप्रैल से माल लाने-ले जाने पर रोक है। दलहन, चावल, गेंहू, आटा, सूजी आदि की कमी शहर में हो सकती है। पहले प्रशासन एक हिस्सा लेता था, अब पूरा परिसर लेने से दिक्कत बढ़ी है। इसका समाधान होना जरुरी है, वरना हालात बिगड़ेंगे और व्यापार दूसरे जिलों को चला जाएगा।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें