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सींगना में खुलेगी अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की शोध शाखा

उद्यान विभाग ने शासन को भेजा प्रस्ताव। 10 हेक्टेयर जमीन है ऊसर। फिंकने से बचेगा आलू। बेहतर किस्म का हो सकेगा उत्पादन।

By Edited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 09:03 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2019 12:19 PM (IST)
सींगना में खुलेगी अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की शोध शाखा
सींगना में खुलेगी अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की शोध शाखा

आगरा, अम्बुज उपाध्याय। आलू की बर्बादी से किसानों को अब करहाना नहीं पड़ेगा। लागत मूल्य के लिए संघर्ष की स्थिति नहीं बनेगी। गुणवत्ता परक बीज की उपलब्धता आसान होगी। प्रसंस्करण उद्योग के लिए नई किस्मों को विकसित किया जा सकेगा। अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (इंटरनेशल पटेटो सेंटर) की शोध शाखा आगरा में खुलेगी। इसके लिए उद्यान विभाग ने सींगना में जगह तलाश कर प्रस्ताव बना शासन को भेज दिया है।

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सूबे में कुल उत्पादित आलू का 27 फीसद आगरा मंडल में होता है। वर्ष 2018-19 में मंडल में 161905 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल रोपी गई, जिसमें 43.64 लाख मैट्रिक टन आलू प्राप्त हुआ है। कुल उत्पादन में से हर वर्ष 10 से 15 फीसद तक आलू किसान फेंकने को मजबूर हो जाते हैं। गुणवत्ता परक आलू नहीं होने और प्रसंस्करण के मानकों पर खरी वैरायटी नहीं होने के कारण किसानों को बाजार मिलने में भी मुश्किल आती है। इन सभी समस्याओं का समाधान शोध केंद्र से हो सकेगा। इसके लिए उद्यान विभाग की सींगना में 10 हेक्टेयर ऊसर जमीन है। उद्यान विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव भेजा है।

बीज उत्पादन के लिए मिल सकेगा प्रशिक्षण

शोध शाखा खुलने से जहां नई प्रजातियों और स्थानीय प्रजातियों पर बेहतर काम हो सकेगा। वहीं किसानों को बेहतर बीज उत्पादन का प्रशिक्षण भी मिल सकेगा।

तीन प्रदेश भी ले सकेंगे लाभ

जिले से लगे हुए राजस्थान और मप्र के साथ ही हरियाणा के किसान भी इस शोध शाखा का लाभ ले सकेंगे। प्रशिक्षण से लेकर, वैरायटी का उन्हें लाभ मिलेगा।

इन देश, राज्य और जिलों में पहुंचता है आलू

आगरा के आलू की मुख्य मांग दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, केरल, तेलंगाना में होती है। इसके साथ ही महाराष्ट्र, मप्र, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में भी आलू जाता है। जबकि निर्यात नेपाल, भूटान, वर्मा, बांग्लादेश, श्रीलंका तक होता है।

ये है आलू का रकबा

आगरा, 70700 हेक्टेयर

मथुरा, 16150 हेक्टेयर

फीरोजाबाद, 53550 हेक्टेयर

मैनपुरी, 21505 हेक्टेयर

इन प्रजातियों का होता है उत्पादन

कुफरी बहार, कुफरी चिप्सोना, 1,2,3, कुफरी सदाबहार, कुफरी सूर्या, कुफरी आनंद, कुफरी पुखराज, कुफरी बादशाह, कुफरी ख्याति, कुफरी गरिमा आदि प्रजातियां मंडल में होती हैं।

शासन को भेजा गया प्रस्‍ताव 

इंटरनेशल पटेटो सेंटर की शोध शाखा सींगना में खोलने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इससे क्षेत्र के किसानों को गुणवत्ता परक और प्रसंस्करण उद्योग के मानकों के अनुसार आलू उत्पादन करने में सहयोग मिलेगा।

कौशल कुमार, उप निदेशक उद्यान

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